कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है. केजरीवाल को ईडी हेड क्वार्टर ले जाया गया, जहां उन्होंने रात बिताई. यह घटनाक्रम ईडी के समन के संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार करने के कुछ घंटे बाद आया. दरअसल, जांच एजेंसी पूछताछ में शामिल होने के लिए केजरीवाल को 9 समन जारी कर चुकी है, लेकिन उन्होंने लगातार समन स्किप किए हैं.
केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP का क्या होगा?
कथित शराब नीति घोटाले समेत अन्य मामले में आम आदमी पार्टी के अब तक चार सबसे बड़े चेहरों को केंद्रीय एजेंसी ईडी ने गिरफ्तार किया है. पहले सत्येंद्र जैन, फिर मनीष सिसोदिया, उसके बाद संजय सिंह और अब अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP के सामने नया नेतृत्व खड़ा करने की मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.
23 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है AAP
आम चुनाव का बिगुल बज गया है. देश की 23 लोकसभा सीटों पर AAP भी चुनाव लड़ रही है. ऐसे में पार्टी के सामने बड़ा राजनीतिक संकट भी खड़ा हो गया. AAP दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और असम में अपने उम्मीदवार उतार रही है.
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लोकसभा से विधानसभा चुनाव तक पर संकट
2024 के चुनाव में इंडिया ब्लॉक में AAP महत्वपूर्ण हिस्सेदार है. फिलहाल, AAP के पूरे चुनावी कैंपेन पर ग्रहण लग सकता है. क्योंकि रणनीति से लेकर प्रचार की भूमिका में उसके सबसे बड़े स्टार प्रचारक मौजूद नहीं रहेंगे.
लोकसभा चुनाव के बाद ही आम आदमी पार्टी इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही थी, जिस पर अब संकट आ गया है. लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मिशन पर भी ग्रहण लग सकता है.
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पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एक साल से जमानत नहीं मिली है. अगर ऐसा ही केजरीवाल के साथ हुआ तो संभव है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से भी केजरीवाल को दूर रहना पड़ सकता है.
दिल्ली की सरकार पर भी अनिश्चितता के बादल
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे. कुछ महीना पहले आम आदमी पार्टी ने एक कैंपेन लॉन्च किया था, जिसमें जनता से राय मांगी थी. केजरीवाल को जनता का समर्थन मिला था कि अगर गिरफ्तार होते हैं तो जेल से ही सरकार चलाएं. आम आदमी पार्टी का कहना है कि कानूनी रूप से जेल में रहकर भी केजरीवाल सरकार चला सकते हैं.
केजरीवाल के पास फिलहाल कोई पोर्टफोलियो नहीं है. ऐसे में अदालत से मंजूरी के बाद ही वो जेल से कैबिनेट की मीटिंग और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर पाएंगे. AAP का कहना है कि इससे पहले सत्येंद्र जैन भी गिरफ्तारी के बाद कैबिनेट मंत्री बने हुए थे. हालांकि उनका प्रभार दूसरे मंत्रियों को दिया गया था.
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इससे पहले तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी भी गिरफ्तारी के बाद मंत्री बने हुए थे.
मुख्यमंत्री अपने मंत्री परिषद के काउंसिल में एक मंत्री होता है, जिसका स्थान प्रथम होता है. हालांकि आम आदमी पार्टी को यह भी संभावना है कि यूनियन टेरिटरी होने के नाते दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति कहीं अरविंद केजरीवाल को पद से मुक्त ना कर दें.
ऐसी स्थिति में आम आदमी पार्टी फिर अदालत का दरवाजा खटखटाएगी. अगले कुछ महीने आम आदमी पार्टी और उसके नेतृत्व को अदालत के चक्कर लगाते देखा जा सकता है. बहरहाल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय विस्तार मिशन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
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