दिल्ली के पर्यटन स्थलों में अपनी जगह बना चुका मैडम तुसाद म्यूजियम बंद हो गया है. कोरोना के बाद आई आर्थिक दिक्कतों के बाद इसे बंद कर दिया गया है. ऐसे में अगर आप दिल्ली के इस म्यूजियम में जाकर करीना कपूर या महात्मा गांधी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैक्स स्टेच्यू के साथ अपनी सेल्फी लेना चाहते थे, तो अब आपकी ये हसरत राजधानी में पूरी नहीं हो पाएगी.
आपको बता दें कि नवंबर 2017 में शुरू किए गए इस म्यूजियम से 50 से ऊपर वैक्स स्टेच्यू को भी यहां से ले जाया जा चुका है. कोरोना के चलते मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद से ही यह म्यूजियम दोबारा शुरू नहीं हो पाया. दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में मैडम तुसाद म्यूजियम में अमिताभ बच्चन से लेकर सचिन तेंदुलकर, मैरीकॉम से लेकर माइकल जैक्सन तक के वैक्स स्टेच्यू को लगाया गया था. मैडम तुसाद म्यूजियम उस वक्त खासतौर से सुर्खियों में आया था, जब यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी वैक्स स्टेच्यू लगाई गई थी. स्कूली बच्चों के लिए तो खासतौर से ये उनकी पसंदीदा घूमने की जगह थी.
दरअसल जब मैडम तुसाद म्यूजियम को दिल्ली में शुरू किया गया तो इसको चार जोन में बांटा गया था. पहले जोन में हॉलीवुड और बॉलीवुड से जुड़ी मशहूर हस्तियों को शामिल किया गया था. जबकि दूसरे जोन में इतिहास और वर्तमान के नेताओं के वैक्स स्टैच्यू को शामिल किया गया था. तीसरे जोन में संगीत से जुड़ी हस्तियों को जगह दी गई थी. जबकि चौथे जोन में खेल से जुड़ी हुई हस्तियों को शामिल किया गया था. यहां पर बच्चों के लिए किड्स जोन और कुछ डिजिटल खेल खेलने तक की सुविधा दी गई थी. कुल रखे गए स्टेच्यू में से 60 फीसदी भारतीय हस्तियों के थे.
जब इसको शुरू किया गया तो आने वाले लोगों की संख्या हर रोज हजारों में होती थी. दिल्ली के अलावा बाहर से आने वाले पर्यटक मैडम तुसाद म्यूजियम जरूर जाते थे. लेकिन उस म्यूजियम को चलाने का खर्चा भी मोटा था. एक वैक्स स्टैचू को बनाने में ही तकरीबन एक से डेढ़ करोड़ रुपए की लागत आती है. इसके अलावा हर रोज इन वैक्स स्टेच्यू के रखरखाव पर भी हर महीने एक बड़ी राशि खर्च होती थी. इन वैक्स स्टेच्यू को ना सिर्फ एक स्थिर तापमान पर रखने की जरूरत होती है, बल्कि हर रोज इनकी ड्रेस भी बदली जाती है. कुल मिलाकर म्यूजियम को चलाने के लिए करोड़ों की रकम खर्च होती थी.
इसके अलावा म्यूजियम के बाकी और खर्चे और कर्मचारियों की तनख्वाह पर भी बड़ी राशि खर्च होती थी. लेकिन पिछले 8 महीने से म्यूजियम के बंद रहने के कारण आर्थिक नुकसान काफी बढ़ गया था. जिसके चलते इसे चलाने वाली कंपनी ने दिल्ली के दिल में बसे कनॉट प्लेस में मैडम तुसाद म्यूजियम को हमेशा के लिए बंद करने का फैसला किया.
कोरोना से पहले भी मैडम तुसाद म्यूजियम में आने वाले लोगों की संख्या में कुछ कमी आ गई थी. जिसकी बड़ी वजह आसपास पर्यटकों के लिए आने वाली बसों के लिए पार्किंग की व्यवस्था ना होने से जुड़ी हुई थी. इसके अलावा कनॉट प्लेस में जिस जगह ये म्यूजियम बनाया गया था, वो काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है और यहां पर ट्रैफिक की समस्या के साथ पार्किंग ना मिलना भी पर्यटकों की संख्या पर असर डाल रही थी.
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