उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने खास सेशन The Yogi Mahakumbh में हिस्सा लेते हुए सनातनी आयोजन महाकुंभ से जुड़े सवालों के जवाब दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि, संतों और श्रद्धालुओं की सेवा करने का यह मौका मेरे लिए सौभाग्यपूर्ण रहा." उन्होंने कहा कि आयोजन को मजबूरी समझकर करने पर यह बोझ बन जाता है, लेकिन जब इसे आत्मीयता से किया जाता है, तो यह एक महोत्सव बन जाता है.
सीएम योगी ने कहा कि अवसर सभी को मिलता है, लेकिन कुछ लोग इससे निखरते हैं और कुछ बिखर जाते हैं. उन्होंने इस आयोजन में शामिल होने का अवसर मिलने को सौभाग्य बताया. सीएम योगी ने बताया कि महाकुंभ का आयोजन पौष पूर्णिमा से लेकर महाशिवरात्रि तक 45 दिनों तक चला. उन्होंने कहा, "2019 के कुंभ और 2015 के महाकुंभ के आयोजन का भी मुझे अवसर मिला था. संतों और श्रद्धालुओं की सेवा करने का यह मौका मेरे लिए सौभाग्यपूर्ण रहा.' उन्होंने कहा कि आयोजन को मजबूरी समझकर करने पर यह बोझ बन जाता है, लेकिन जब इसे आत्मीयता से किया जाता है, तो यह एक महोत्सव बन जाता है.
66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले महाकुंभ में 40-45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, लेकिन इस बार यह संख्या 66 करोड़ के पार पहुंच गई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस आयोजन को भव्य और ऐतिहासिक रूप देने का प्रयास किया गया. सीएम योगी ने कहा कि देश और दुनिया में महाकुंभ को लेकर बनी कुछ धारणाओं को इस बार के आयोजन ने तोड़ दिया. उन्होंने कहा, 'जो लोग हमारे ऊपर भेदभाव का आरोप लगाते थे, इस आयोजन ने उनके मुंह पर लगाम लगा दी है.' उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में करीब 120 करोड़ लोग सनातन संस्कृति को मानने वाले हैं, और हर परिवार से कोई न कोई व्यक्ति इस आयोजन का हिस्सा बना.
सुरक्षा और अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान किसी भी प्रकार की छेड़छाड़, लूटपाट या अपहरण की घटना नहीं घटी. श्रद्धालु सुरक्षित आए और सुरक्षित लौटे. उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन 78 लाख बसें और फोर व्हीलर प्रयागराज कुंभ का हिस्सा बने. इस दौरान श्रद्धालुओं को 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, लेकिन उनके चेहरे पर किसी प्रकार की शिकन नहीं थी.
'मृत्यु कुंभ' कहने वालों को श्रद्धालुओं ने दिया जवाब
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग इस आयोजन को ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन श्रद्धालुओं ने इसे ‘मृत्युंजय महाकुंभ’ बनाकर उन्हें करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कुंभ ने दुनिया को एकता और सनातन संस्कृति का संदेश दिया है. महाकुंभ 2025 ने अपनी भव्यता और अनुशासन से इतिहास रच दिया. श्रद्धालुओं ने इसे केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में अनुभव किया.