पिछले महीने दिल्ली सरकार ने राजधानी के इमामों की तनख्वाह बढ़ाई, तो अब बारी उसके नाम पर सियासत चमकाने की आ गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इमामों को बुलाया तो दिल्ली सरकार का कसीदा पढ़ने के लिए लेकिन इसकी जगह कई इमाम सैलरी अब भी नाकाफी होने पर उल्टे बिफर पड़े.
गुस्सा देखते हुए सीएम शीला दीक्षित ने इमामों को हर साल बढ़ोतरी का भरोसा दिलाया, वहीं वक्फ बोर्ड के मुखिया मतीन अहमद ने बेबाकी से कह दिया कि अगर फायदा इमामों का है तो कांग्रेस को सियासी फायदा क्यों न मिले.
इमामों की महफिल में शीला दीक्षित की सियासत चमक रही है. हालांकि ये कोई सियासी जलसा नहीं है, फिर भी जब चुनाव आने वाले हैं और इमाम एक साथ जुटे हैं तो सियासी तकरीर होनी भी लाजिमी है. इसलिए मंच से इमामों ने भी शीला के विरोधियों को क्या-क्या नहीं कह डाला.
कुल मिलाकर कांग्रेस की नज़र इस बार भी मुस्लिम वोट बैंक पर है. जो पिछले साल हुए एमसीडी चुनावों में खिसकता नज़र आया था. मगर जो रेवड़ियां दिखावे की हैं, क्या उसकी मिठास चुनावों में कांग्रेस चख भी पाएगी या नहीं, ये सवाल बड़ा है.