दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग भतीजी से बलात्कार के बाद दूसरों को उससे सामूहिक बलात्कार करने की छूट देने और फिर उसे वेश्यावृत्ति में ढकेलने के जुर्म में 50 वर्षीय व्यक्ति को बाकी जिंदगी जेल में गुजारने की सजा सुनाई है.
अदालत ने उत्तर प्रदेश निवासी पन्नू को सामूहिक बलात्कार, बलात्कार, आपराधिक धमकी देने, आपराधिक साजिश, गलत तरीके से बंधक बनाने और लड़की को वेश्यावृत्ति के लिये बाध्य करने के जुर्म में दोषी ठहराते हुये सजा सुनायी है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेन्द्र भट ने स्पष्ट किया है कि पन्नू को एक के बाद दूसरी सजा भुगतनी होगी. इसका मतलब यह हुआ कि पहले उसे साजिश के जुर्म में दस साल की सजा भुगतनी होगी. इसके बाद बलात्कार के जुर्म में दस साल, फिर अनैतिक देह व्यापार के जुर्म में 14 साल और फिर इसके बाद शेष जीवन के लिये जेल की सजा भुगतनी होगी.
अदालत ने कहा कि दोषी का अपराध बेहद घृणित, पैशाचिक और बर्बर है. दोषी व्यक्ति नाबालिग लड़की के पिता की मृत्यु के बाद उसकी देखभाल करने का आश्वासन देकर उसे गांव से लाया था, लेकिन उसने न सिर्फ उसके साथ दुर्व्यवहार किया, बल्कि उसे अपनी वासना का भी शिकार बनाया.
अदालत ने कहा, ‘वह यहीं नहीं रुका और उसने उसे जबरन शराब पिलाने के बाद नग्न होकर डांस करने के लिये मजबूर किया. इसके बाद दोषी और उसके साथियों ने उससे सामूहिक बलात्कार किया. इसके बावजूद दोषी को उस पर रहम नहीं आया और उसे वेश्यावृत्ति में ढकेल दिया.’
जज ने कहा, ‘दोषी यह सब अपनी पत्नी की मूक सहमति से कर रहा था.’ अदालत ने कहा कि पन्नू पीड़ित के पिता का भाई था, लेकिन इसके बावजूद उसने ऐसा पाशविक कृत्य किया, जिसे माफ नहीं किया जा सकता है, इसलिए उसे कठोर सजा दी जाती है.
इस लड़की को काम देने वाले ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस मामले की शिकायत की थी. लड़की ने उसे बताया था कि उसके चाचा उसका यौन शोषण करते हैं और इस कुकृत्य में उसकी पत्नी भी भागीदार है. इसी आधार पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया था. इस लड़की ने अदालत को बताया कि पिता की मृत्यु के बाद उसके चाचा पन्नू और चाची 2003 में उसकी देखभाल करने के लिये उसे दिल्ली ले आये, क्योंकि उसकी मां ने भी उसे छोड़ दिया था.
शुरू में तो कुछ समय पन्नू ने उसे ठीक से रखा, लेकिन इसके बाद जब वह 13 साल की थी, तो उसने उससे कई बार बलात्कार किया. इस बारे में जब चाची को बताया तो उन्होंने भी उसे ही डांटा. पन्नू उसे जबरन दूसरे व्यक्तियों के साथ वेश्यावृत्ति के लिये भेजता और उन लोगों से वह पैसे लेता था. पन्नू उसे जान से मारने की धमकी देता था और पिटाई भी करता था. इनके चंगुल से बचने के प्रयास में लड़की ने जहर भी खा लिया था.
अदालत ने कहा कि इस लड़की का साक्ष्य पूरी तरह भरोसेमंद हैं. अदालत ने पन्नू के साथ किसी भी प्रकार का रहम दिखाने से इनकार करते हुये कहा कि उसने एक ऐसी अनाथ लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाया, जो कोई और नहीं बल्कि दोषी की अपनी भतीजी थी.