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मनीष सिसोदिया का आरोप- मोदी सरकार ने रोकी दिल्ली में प्याज़ की सप्लाई

मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि हम रोजाना 10 गाड़ी प्याज लेकर सस्ते दाम पर लोगों को देंगे, जिससे प्याज कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लग सके. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से 9 दिसंबर तक प्याज के लिए अनुमति मांगी थी. 2.5 लाख किलो हमने रोजाना प्याज 9 दिसंबर तक मांगा था. केंद्र सरकार ने पर्याप्त भंडार बताया था, फिर भी कभी भी पूरी 10 गाड़ी हमें प्याज की आपूर्ति नहीं हुई.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो-IANS)
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो-IANS)

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  • देश में नहीं थम रही प्याज की महंगाई, दामों में उछाल जारी
  • मनीष सिसोदिया ने नरेंद्र मोदी सरकार पर लगाया आरोप
  • कहा- जानबूझकर दिल्ली में रोकी गई प्याज की सप्लाई
देश के कई राज्यों और दिल्ली में प्याज की कीमत आसमान छू रही है तो अब प्याज पर सियासत भी तेज हो गई है. दिल्ली में चुनाव से पहले प्याज को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच खींचतान जारी है. रविवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर कर प्याज के रेट बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार को प्याज की सप्लाई बंद की गई है, जिससे जनता के बीच दिल्ली सरकार सस्ते रेट पर प्याज न बांट सके और बाजार में प्याज के रेट बढ़ सके.

मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर 56 हजार मिट्रिक टन प्याज स्टॉक में होने की बात कही थी, फिर अचानक दिल्ली को सप्लाई क्यों रोक दी गई. उप मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मांग की है कि हर दिन हमें दस गाड़ी प्याज दी जाए, जिससे दिल्ली सरकार आम जनता को 23.90 रुपये किलो प्याज दे सके.

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इसके अलावा मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कब-कब प्याज़ की मांग की गई इसकी जानकारी भी मीडिया के सामने रखी. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली में प्याज को लेकर लोग दुखी हैं. ऐसा लग रहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में जानबूझकर प्याज का संकट खड़ा कर रही है. दिल्ली सरकार प्याज मांग रही है और केंद्र सरकार दे नहीं रही है. 5 सितंबर को केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था. जिसमें बताया था कि हमारे पास 56 हजार मिट्रिक टन प्याज का स्टॉक है और आप ले सकते हैं.

केंद्र से नहीं मिल रही प्याज

मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बताया था कि हम रोजाना 10 गाड़ी प्याज लेकर सस्ते दाम पर लोगों को देंगे, जिससे प्याज कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लग सके. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से 9 दिसंबर तक प्याज के लिए अनुमति मांगी थी. 2.5 लाख किलो हमने रोजाना प्याज 9 दिसंबर तक मांगा था.

केंद्र सरकार ने पर्याप्त भंडार बताया था, फिर भी कभी भी पूरी 10 गाड़ी हमें प्याज की आपूर्ति नहीं हुई. हम मांगते रहे लेकिन अधिकतम 5 गाड़ी प्याज मिली.अन्यथा 2-3 गाड़ी प्याज की सप्लाई हुई. हमारा पूरा सिस्टम लगा है कि हम लोग हर दिन दिल्ली में दस गाड़ी प्याज सस्ते में बेच सकते हैं, लेकिन हमें प्याज की सप्लाई बंद कर दी.

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जानबूझकर खड़ा किया गया प्याज का संकट

केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार प्याज सड़ाने को तैयार है लेकिन दिल्ली सरकार को प्याज नहीं दे रहे. आप जब खुद कह रहे हो कि आपके पास 56 हजार मिट्रिक टन प्याज है तो क्यों सप्लाई बंद है. हम केंद्र सरकार से जानना चाहते हैं कि दिल्ली को प्याज देना केंद्र सरकार ने बंद क्यों कर दिया.

दिल्ली सरकार को स्टॉक से प्याज क्यों नहीं दिया जा रहा. हमें दस गाड़ी रोज दी जाए, हम उसकी सप्लाई जनता के बीच सस्ते रेट में करना चाहते हैं. केंद्र सरकार के रवैये से साफ है कि जानबूझकर कर देश में प्याज का संकट खड़ा किया गया है. जिससे प्याज के रेट बढ़ सके.

नहीं मिल रहे केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान

दिल्ली सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन भी मनीष सिसोदिया के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे. इमरान हुसैन ने कहा कि दिल्ली की प्याज सप्लाई की मोबाइल वैन, फूड सप्लाई विभाग के लोग बैठ गए हैं. इसका मतलब है कि केंद्र सरकार खुद चाहती है कि दिल्ली में प्याज के रेट बढ़ जाए. हमने प्याज की मांग की लेकिन उसपर कोई जवाब नहीं आया.

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सितंबर में केंद्र सरकार ने 56 हजार मिट्रिक टन का स्टॉक बताया गया था, फिर अचानक क्यों बंद कर दिया गया है. इसका मतलब केंद्र सरकार कालाबाजारी को बढ़ावा दे रही है. जब केंद्र सरकार दिल्ली को ही प्याज नहीं दे रही है तो प्याज कहां जा रहा रहा है. 24 नवंबर को प्याज की आखरी गाड़ी दिल्ली आई थी, जिसमें 13-14 हजार किलो ही प्याज था. उसके बाद प्याज नहीं आ रहा. मैं केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से मिलने का समय मांगा, अभी तक उन्होंने समय नहीं दिया.

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