दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने छात्रों को बड़ा तोहफा देते हुए 100 फीसदी स्कॉलरशिप देने की बात कही थी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा था कि जिस परिवार की सलाना इनकम एक लाख रुपए से कम है, उनको फीस की 100 फीसदी स्कॉलरशिप मिलेगी यानी ऐसे लोग जितनी फीस जमा करेंगे, उनको उतने रुपये स्कॉलरशिप के रूप में वापस मिल जाएंगे.
इसके अलावा कई बार मनीष सिसोदिया दिल्ली के सरकारी स्कूल पर ट्वीट कर चुके हैं. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपने बजट का बड़ा हिस्सा भी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए खर्च करती है. अब मनीष सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी नड्डा और सांसद विजय गोयल के सामने एक शर्त रखी है. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के 10 सरकारी स्कूलों को पहले बीजेपी नेता देख लें उसके बाद दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा की जाएगी.
मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मैं जेपी नड्डा और विजय गोयल को चुनौती देता हूं कि आप बीजेपी शासित राज्यों के 10 सरकारी स्कूल चुन लीजिए और केजरीवाल एजुकेशन मॉडल के 10 स्कूल मैं चुन लेता हूं. मैं आपके स्कूलों का मुआयना करूंगा और आप मेरे स्कूलों का मुआयना कर लीजिए. इसके बाद इस मुद्दे पर बहस की जाएगी. एक अन्य ट्वीट में सिसोदिया ने लिखा- जेपी नड्डा जी केजरीवाल के एजुकेशन मॉडल को देखकर आप कम से कम हंस तो रहे हैं. बीजेपी के एजुकेशन मॉडल को देखेंगे तो आपको भी रोना आएगा.
I challenge @JPNadda & @VijayGoelBJP to choose top 10 govt schools of BJP education model from any BJP state. I'll choose top 10 govt schools of Kejriwal education model. I'll visit your schools, you can visit ours. Let's then debate- what's laughing stock and what makes one cry
— Manish Sisodia (@msisodia) June 30, 2019
विजेंद्र गुप्ता ने दिया ये जवाब-
इसका जवाब देते हुए दिल्ली के रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट करते हुए लिखा- दिल्ली सरकार के स्कूलों मे 9वीं में दाखिला लेने वाले बच्चों में से मात्र 20% बच्चे ही 12वीं तक उतीर्ण होते हैं. मनीष सिसोदिया बताओ, यदि स्कूलों में सुधार है तो बाकि 80% बच्चे स्कूल ड्राप आउट क्यों कर रहे हैं? 1150 स्कूलों में से हमेशा 10 स्कूलों की ही बात क्यों होती है? बाकि 1140 स्कूलों की क्यों नही?
दिल्ली सरकार के स्कूलों मे 9वी मे दाखिला लेने वाले बच्चों मे से मात्र 20% ही 12वी तक उतीर्ण होते है।@msisodia बताओ,यदि स्कूलों मे सुधार है तो
बाकि 80% बच्चे स्कूल ड्राप आउट क्यों हो रहे है ?
1150 स्कूलों मे से हमेशा 10 स्कूलों की ही बात क्यों ?
Advertisementबाकि 1140 स्कूलों की क्यों नही ? https://t.co/pSo9LAv94K
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) June 30, 2019
वहीं 24 जून को दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने स्टूडेंट्स को बड़ा तोहफा देते हुए घोषणा करते हुए कहा था कि अब स्टूडेंट्स को सीबीएसई परीक्षा देने के लिए किसी भी तरह की फीस नहीं देनी होगी. बता दें, अभी तक स्टूडेंट्स को 1500 रुपये सीबीएसई बोर्ड की फीस देनी पड़ती थी. लेकिन अब अगले साल से ऐसा नहीं होगा.