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मैं सब सच बताऊंगा... दिल्ली शराब नीति मामले में सरकारी गवाह बनने जा रहा मनीष सिसोदिया का करीबी

दिल्ली शराब नीति मामले के एक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने कोर्ट के सामने कहा कि मेरी तरफ से 1 नवंबर 2022 को मेरे वकील के माध्यम से एप्लिकेशन दी गई है. मैं स्वेच्छा से सरकारी गवाह बनने को तैयार हूं. मैं इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों को अदालत के सामने रखूंगा.

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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली शराब घोटाला मामले के एक आरोपी दिनेश अरोड़ा ने सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान आरोपी अरोड़ा भी कोर्ट में मौजूद रहा. अरोड़ा को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी बताया जाता है. आरोपी ने कोर्ट के सामने कहा कि मेरी तरफ से 1 नवंबर 2022 को मेरे वकील के माध्यम से एप्लिकेशन दी गई है. मैं स्वेच्छा से सरकारी गवाह बनने को तैयार हूं. मैं इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों को अदालत के सामने रखूंगा.

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इस पर कोर्ट ने आरोपी से पूछा कि उस पर किसी तरह का कोई दबाव तो नहीं है. सीबीआई की तरफ से कोई धमकी तो नहीं दी गई है. सवाल पर आरोपी ने कहा कि वह अपनी मर्जी से अप्रूवर बन रहे हैं और इस केस से संबंधित जो कुछ भी जानकारी उन्हें है, उसे बताने को तैयार है.

आरोपी ने कहा, "मैं इस मामले में मेरे ऊपर जो आरोप लगे हैं, उस संदर्भ में अपनी भूमिका के बारे में भी सब सच बताऊंगा. मैं जांच में भी सहयोग करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा. मैं जांच अधिकारी के सामने कुछ स्टेटमेंट दे चुका हूं और कोर्ट के सामने अपना कंफेशन स्टेटमेंट भी दे चुका हूं. अब इस मामले में 14 नवंबर को सुबह 10:30  बजे आरोपी का बयान दर्ज किया जाएगा. राऊज एवेन्यू कोर्ट 14 नवंबर को दिनेश अरोडा की क्षमादान की अर्जी पर विचार करेगी. बताया जा रहा है कि उसका बयान भी संभवत: तभी दर्ज होगा.

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ये है पूरा मामला

दिल्ली में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लेकर आई थी. इस नीति के आने के बाद दिल्ली के शराब कारोबारी ग्राहकों को डिस्काउंटेड रेट पर शराब बेच रहे थे. कई जगहों पर एक बोतल खरीदने पर दूसरी मुफ्त दी जा रही थी. आबकारी नीति 2021-22 के चलते एक समय ऐसा भी आया था, जब दिल्ली में शराब दुकानों की संख्या करीब 650 पहुंच गई थी.

जांच एजेंसी ने नई शराब नीति में घोटाला होने का दावा किया था, जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. इसके बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया था. राज्य में एक सितंबर से पुरानी शराब नीति दोबारा लागू कर दी गई है. नई नीति लागू होने से पहले ही कई लाइसेंस धारकों ने अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए थे. 

मनीष सिसोदिया को बनाया मुख्य आरोपी 

इस मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. उन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने शराब घोटाला मामले में उनसे लंबी पूछताछ भी की थी. सीबीआई की टीम ने डिप्टी सीएम के घर से सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किए थे.

घोटाले के मुख्य किरदार कौन? 

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- दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने अगस्त में FIR दर्ज की थी. इस मामले में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. 

- सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) शामिल हैं. 

- इसमें अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया है. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप है कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.

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