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Delhi Excise Policy Case: भतीजी की शादी में शामिल होंगे मनीष सिसोदिया, कोर्ट से मिली 3 दिन की अंतरिम जमानत

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को लखनऊ में अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. सिसोदिया ने 12 से 16 फरवरी तक जमानत की मांग की थी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को लखनऊ में अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए तीन दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. सिसोदिया ने 12 से 16 फरवरी तक जमानत की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने उन्हें 13 से 15 फरवरी तक जमानत दी है. सिसोदिया कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े एक मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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सीबीआई के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया अत्यधिक प्रभावशाली हैं. वे उच्च और शक्तिशाली पद पर हैं. वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसमें कहा गया कि केवल दूल्हा और दुल्हन ही अपनी शादी के लिए 5 दिन की जमानत मांग सकते हैं. शादी में शामिल होने के लिए एक दिन का समय दिया जा सकता है. कोर्ट ने सिसोदिया से पूछा कि क्या उन्हें पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी से कोई परेशानी होगी.

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सिसोदिया के वकील ने कहा कि मेरे साथ पुलिस भेजकर मेरे परिवार को अपमानित न करें. वकील ने कहा कि इससे माहौल खराब होगा. अगर मुझे तीन दिन भी मिलें तो यह मेरे लिए ठीक है, लेकिन मेरे साथ पुलिस न भेजी जाए.

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बता दें कि, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया बीते 11 नवंबर को अपनी बीमार पत्नी सीमा से मिलने अपने घर पहुंचे थे. दिल्ली की एक अदालत ने 11 नवंबर को उन्हें सुरक्षा की मौजूदगी में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी थी.

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क्या थी नई शराब नीति?
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई. नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई. और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गई. नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही. जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी.

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