दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी पर बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई अन्य 'आप' नेता मौजूद रहे. उद्घाटन समारोह के बीच सिसोदिया ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला.
सिसोदिया ने अपने भाषण के बीच में कहा कि अगर मोदी सरकार का एक इंच का साथ भी मिल जाता तो मैं केजरीवाल नहीं बल्कि मोदी-मोदी के नारे लगाता. सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में हुई लेटलतिफी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिज का 2004 से 2008 तक काम नहीं हुआ. इसके बाद फरवरी 2010 तक भी इस पर कोई काम नहीं हुआ.
सिसोदिया के मुताबिक इसके बाद 459 करोड़ का पुल 2010 में 1131 करोड़ की लागत का हो गया. मार्च 2010 में इसका काम शुरू हुआ, फिर वन विभाग को अनापत्ति सर्टिफिकेट देने में 2 साल लग गए. जिसके बाद 2012 में इसका काम शुरू हुआ. इसके बाद काला पत्थर मुश्किल बना, उस काले पत्थर की चट्टान को हटाने के लिए 350 करोड़ ज्यादा लगे.
उन्होंने कहा कि पत्थर हटाने के लिए कोरिया से स्पेशल मशीन लाई गई. इसके बाद भी फरवरी 2015 में सरकार आने के बाद अधिकारियों के बीच फाइल घूमती रही. अधिकारी फाइल पर सिग्नेचर का ढेर तैयार करते थे. मोदी जी और बीजेपी की साजिश थी कि सिग्नेचर ब्रिज के काम को रोका जाय. इसी दौरान सिसोदिया ने कहा कि अगर मोदी सरकार का 1 इंच का साथ मिलता तो मैं केजरीवाल छोड़कर मोदी- मोदी के नारे लगाता. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिज बनाने के लेकर अधिकारियों को धमकी दी गई.
सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच संग्राम देखने को मिला. उद्घाटन समारोह के पहले बीजेपी नेता मनोज तिवारी पार्टी समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और दिल्ली पुलिस से भिड़ गए. तिवारी और उनके समर्थक इसको लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे कि उन्हें उसके लिए नहीं आमंत्रित किया गया जबकि वह क्षेत्र से सांसद हैं. जब यह विरोध प्रदर्शन हुआ उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहां मौजूद नहीं थे.
इसके बाद मौके पर पहुंचे सिसोदिया ने कहा, 'मनोज तिवारी तक मेरी आवाज पहुंच रही होगी, हम बीजेपी पार्षदों को तक उद्घाटन में बुलाते थे. दिल्ली सरकार के पैसों से स्काई वॉक बनाते हो और उद्घाटन की राजनीति करते हो. आप इस लायक नहीं कि उद्घाटन में बुलाया जाए. दम है तो रोक लो.'
दरअसल, इससे पहले तिवारी ने उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं बुलाये जाने को लेकर अप्रसन्नता जताई थी और यह कहते हुए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा था कि वह मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहेंगे जो रविवार को पुल का उद्घाटन करने वाले हैं. पुल सोमवार को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.