दिल्ली सरकार पर अक्सर ही विज्ञापनों के ऊपर ज्यादा ही पैसा खर्च करने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में जब से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग उठी तो ऐसे में इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेल भवन जाकर प्रधानमंत्री मोदी के 'मन की बात' और केंद्र सरकार के तमाम विज्ञापनों के खर्चे का विवरण मांगा.
मनीष सिसोदिया ने आरटीआई आवेदन में केंद्र सरकार से उनके विज्ञापन खर्चे का विवरण मांगा कि आप हर मन की बात करना अगर देश भक्ति है तो टॉक टू एके करना गद्दारी कैसे हो सकता है. सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का फर्ज है कि वह जल्दी से आरटीआई का जवाब दे ताकि जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
इस पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का कहना है कि आम आदमी वाले पहले दायर हुई RTI का जवाब दें, तब जाकर हमसे हिसाब मांगे. गोयल ने कहा केजरिवाल सरकार खुद से पूछे गए सवालों का जवाब क्यों नही देती है. पहले ये लोग खुद पर दायर RTI का जवाब दे, तब हमसे सवाल पूछें.
जाहिर है विज्ञापन बजट को लेकर मचा ये बवाल जनता को जवाबदेही देने के नाम पर विवाद का रूप लेता दिख रहा है. RTI को लेकर आम आदमी सरकार की नीयत और ऐसे में केंद्र सरकार के मंत्री का ये जवाब कहीं न कहीं जनता और जवाबदेही के नाम का मखौल उड़ाता दिख रहा है.