दिल्ली जानलेवा डेंगू और चिकनगुनिया से जूझ रही है. लेकिन दिल्ली सरकार का उपराज्यपाल से झगड़ा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों के लिए पूरे इंतजाम नहीं हैं. मोहल्ला क्लीनिक तो ब्लड टेस्ट जैसी बेसिक सुविधा से दूर है. लेकिन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सारा दोष उपराज्यपाल पर मढ़ रहे हैं.
'दफ्तर से गायब रहते हैं अधिकारी'
दिल्ली की जमीनी हकीकत से दूर मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को निशाने पर लेते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए. सिसोदिया ने लिखा कि 'पिछले एक-दो महीने से दिल्ली सरकार के सारे अधिकारी सिर्फ एक काम कर रहे हैं, और वो है एलजी साहब के आदेशों का पालन करते हुए बीते 18 महीनों की फाइलें पढ़कर उनके पास भेजना' मनीष सिसोदिया के मुताबिक अधिकारी मंत्रियों की मीटिंग में नहीं आते, और पूरे-पूरे दिन दफ्तर से गायब रहते हैं.
सरकार कौन है एलजी या मुख्यमंत्री ?
जवाबदेही और जिम्मेदारी के सवाल से घिरी सरकार फिलहाल दिल्ली में कामकाज न होने का ठीकरा अधिकारियों और उपराज्यपाल पर फोड़ रही है. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट पर लिखा कि यह जरूर तय कर लेना चाहिए कि सरकार कौन है ? एलजी या मुख्यमंत्री ? अगर ये मानते हैं कि दिल्ली में हर अधिकार एलजी के पास हैं, तो उन्हें एलजी से पूछना चाहिए कि उनका इस तरह के मामलों में काम क्या है ?
फिनलैंड में हैं सिसोदिया
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस समय फिनलैंड में हैं. लेकिन ट्वीट से उपराज्यपाल का पता पूछ रहे हैं. उनके मुताबिक एलजी द्वारा नियुक्त अधिकारी कामचोर हैं. सिसोदिया ने ट्वीटर पर लिखा कि 'नाकारा और आरामतलब अफसरों को स्वास्थ्य विभाग का मुखिया बनाकर कहां गायब हो गए एलजी साहब' ?