दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच एक बार फिर ठनती नजर आ रही है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने CNG फिटनेस घोटाले को लेकर LG पर निशाना साधा है.
मनीष सिसोदिया ने विजिलेंस विभाग को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि जब इस मामले की न्यायिक जांच शुरू हो चुकी है, तो ACB जांच का क्या मतलब है? उन्होंने 7 सितंबर तक इसकी रिपोर्ट मांगी है.
केंद्र के मुताबिक जांच आयोग अमान्य
केंद्रीय गृह मंत्रालय पहले ही यह साफ कर चुका है कि 2002 के सीएनजी फिटनेस घोटाले के लिए दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया जांच आयोग कानूनी रूप से अमान्य है. गृह मंत्रालय ने कहा था कि उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा दिए गए जांच के आदेश ही मान्य हैं.
उपराज्यपाल ने मांगा था निर्देश
इससे पहले, उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए जांच दल को लेकर केंद्र सरकार का रुख किया था. उपराज्यपाल ने इस जांच टीम के बारे में केंद्र सरकार से राय मांगी थी. 2002 में हुए सीएनजी फिटनेस घोटाले में तत्कालीन शीला सरकार के कई आला अधिकारी जांच के घेरे में हैं.
दिल्ली सरकार ने दिया था आदेश
दिल्ली सरकार ने सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए कमीशन ऑफ इन्क्वायरी ऐक्ट, 1952 के तहत जांच दल बनाने की बात कही थी, जिसको घोटाले के हर पहलू की जांच करनी थी. इस आयोग का नेतृत्व जस्टिस (रिटायर्ड) एसएन अग्रवाल को करना है, जो दिल्ली और मध्य प्रदेश के पूर्व जज रह चुके हैं.