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छात्रा ने की खुदकुशी, घेरे में स्कूल, सिसोदिया ने दिया विधानसभा में बयान

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'एक बच्ची ने आत्महत्या की है, यह समाज के लिए एक बड़ी समस्या है. फिलहाल विभाग के बहुत से अधिकारी इस वक़्त स्कूल में मामले की जांच कर रहे है. लेकिन अभी मामले की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन रिपोर्ट के आते ही उसे सदन में पेश की जाएगी.

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शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

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दिल्ली के एक नामी स्कूल की छात्रा ने परेशान होकर खुदकुशी की. छात्रा के परिजनों ने दो अध्यापकों और स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब यह मामला विधानसभा तक पहुंच गया है. शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन को बताया कि मामले में अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं. इस दौरान विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता ने 3 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने की मांग रखी है.

मनीष सिसोदिया ने कहा, 'एक बच्ची ने आत्महत्या की है, यह समाज के लिए एक बड़ी समस्या है. फिलहाल विभाग के बहुत से अधिकारी इस वक्त स्कूल में मामले की जांच कर रहे हैं. लेकिन अभी मामले की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन रिपोर्ट के आते ही उसे सदन में पेश किया जाएगा.

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बताया कि बच्ची स्कूल में प्राइमरी से पढ़ रही थी. हाल ही में 16 तारीख को रिपोर्ट कार्ड दिया गया था, जहां बच्ची के साइंस और सोशल साइंस विषय में कम्पार्टमेंट थी. बच्ची ने अपने घर मे खुदकुशी किया है. रिपोर्ट कार्ड मिलने के बाद से ही बच्ची स्कूल नहीं आ रही थी. लड़की के मां-बाप ने आरोप लगाया है कि लड़की के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई थी.

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इसे भी पढ़ें: 9वीं की छात्रा ने की खुदकुशी, दो शिक्षकों पर छेड़छाड़ का आरोप, जांच अधिकारी निलंबित

शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन में दिया बयान :-

प्रिंसिपल के मुताबिक स्कूल में ऐसे 240 बच्चे हैं, जिनमे से 28 को कम्पार्टमेंट आई है. अख़बार की एक रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए उन्होंन कहा कि इतनी छोटी उम्र में 11 से 15 साल तक के बच्चे स्लीपिंग डिसआर्डर का शिकार हैं. 6 से 11 साल के बच्चे समय से नहीं सोते हैं. इसके पीछे एकेडेमिक्स और गुडगेट्स और पारिवारिक दबाव भी सबसे बड़ी वजह है. सवाल ये है कि बच्चों पर एकेडेमिक प्रेशर कौन बना रहा है अभिभावक, स्कूल या समाज?

विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता सदन में बोले :-

अभिभावक को स्कूल प्रशासन से सही जवाब नही दिया गया है. बच्ची पर शारीरिक शोषण की कई घटनाएं हुई. बच्ची पर दवाब डाला जाता था जो इस रिजल्ट के तौर पर सामने आया. बच्ची फाइन आर्ट्स में अव्वल थी और यही वजह फैल होने की बताई गई. उन्होंने कहा कि किस तरह की शिक्षा व्यवस्था उस स्कूल में है इसकी जांच होनी चाहिए. जो कुछ भी अभिभावक कह रहे हैं उसकी जांच की जाए और 3 दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट सदन के पटल में रखी जाए.

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विधान सभा में विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता की मांग पर मनीष सिसोदिया ने सदन को जानकारी दी, कि अधिकरियों को जांच के आदेश सुबह ही दिए जा चुके हैं. साथ ही सिसोदिया ने कहा कि ये घटनाएं अगर हुई है तो स्कूल प्रसाशन पर ज़रूर एक्शन लिया जाएगा. इस तरह की गड़बड़ी में आरोपी को जेल भेजने के लिए संविधान में पर्याप्त कानून है.

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