दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी का एक वीडियो वायरल हुआ है, वीडियो में मनोज तिवारी एक कविता सुनाते नज़र आ रहे हैं, जिस पर पास में बैठे लोग खूब ठहाके लगा रहे हैं. अब दिल्ली सरकार के मंत्री ने इस वीडियो को नोटबंदी से परेशान लोगों का मज़ाक उड़ाने वाला बताया है.
कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा है कि मनोज तिवारी ने लोगों का मज़ाक उडाया है और उनके साथ तमाम बीजेपी नेता लाइन में लगे लोगों की मजबूरी पर ठहाके लगा रहे हैं. वीडियो में मनोज तिवारी के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता, दिल्ली बीजेपी की महामंत्री रेखा गुप्ता नज़र आ रही हैं.
Explosive sting of Manoj Tiwari making fun of Delhi people ... Shameless and disgusting https://t.co/BbXa0KS6u4
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) January 3, 2017
वीडियो में मनोज तिवारी इन सभी लोगों को नोटबंदी के दौरान के अपने अनुभव सुनाते नज़र आए. जिसमें वो कहते हैं कि एक जगह वो लोगों से मिलने पहुंचे, तो लाइन में लोगों की बड़ी भीड़ थी. लोग परेशान भी थे, बस मैंने दो लाइनें सुनाईं. इसके बाद वो कविता की दो लाइनें इस वीडियो में भी सुना रहे हैं, जिसमें वो कह रहे हैं कि 'देशभक्त है कतार में, लगी है भारी भीड़. तकलीफों से सज रही भारत की तस्वीर.'
मनोज तिवारी बता रहे हैं कि ये लाइन सुनाते ही लोग तुरंत कहने लगे कि देश भक्ति के लिए सह लेंगे तकलीफ....मनोज तिवारी की इस बात पर तिवारी सहित वहां मौजूद सभी लोग खूब ठहाके लगाने लगे. ये पूरी घटना किसी ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर ली और इंटरनेट पर आते ही ये वीडियो वायरल हो गया. अब कपिल मिश्रा इस वीडियो पर सवाल उठा रहे हैं, कपिल मिश्रा के मुताबिक मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष हैं और उन्हें लोगों की परेशानी के प्रति संवेदनशील होना चाहिए था, लेकिन वो लोगों की परेशानी का मखौल उड़ा रहे हैं कि कैसे देशभक्ति के नाम पर उन्होंने लोगों की सारी तकलीफें भुला दीं. कपिल मिश्रा का कहना है कि इस वीडियो और अपनी बातों के लिए मनोज तिवारी को माफी मांगनी चाहिए.
कपिल मिश्रा ने तिवारी के इस वीडियो को शर्मनाक बताया है और कहा है कि मनोज तिवारी वीडियो बनाने वाले से कह भी रहे हैं कि वो इसे किसी को दिखाए नहीं. मतलब साफ है कि उन्हें भी लगता है कि जो बातें वो वीडियो में कर रहे हैं, वो गलत हैं. वरना उन्हें वीडियो को छुपाने की क्या ज़रूरत.