पॉलिसी बनाने की मांग को लेकर दिल्ली बीजेपी के दफ़्तर के बाहर सैकड़ों की तादाद में बैठे गेस्ट टीचर बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी से मिलने पार्टी दफ्तर पहुंचे. लेकिन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और पुलिस की मदद से उन्हें बीजेपी दफ्तर से बाहर निकाल दिया गया.
दिल्ली में बीजेपी के दफ़्तर के बाहर लगातार धरने पर बैठे सैकड़ों गेस्ट टीचर्स का प्रदर्शन जारी है. ये गेस्ट टीचर्स बीते 18 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये गेस्ट टीचर लगातार बीजेपी दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी से मिलने की मांग कर रहे हैं. लेकिन उन्हें अब तक अनुमति नहीं मिली है. लिहाज़ा सोमवार दोपहर जब कुछ गेस्ट टीचर बीजेपी दफ़्तर के अंदर दाख़िल हो गए और जैसे ही मनोज तिवारी को इसकी भनक लगी तुरंत ही पुलिस बुलाकर उन गेस्ट टीचर्स को बाहर निकलवा दिया गया.
दरअसल दिल्ली में 22,000 अतिथि शिक्षक दोबारा से नौकरी की ज्वाइनिंग की मांग कर रहे हैं. इनका कहना है कि हरियाणा सरकार की तर्ज़ पर दिल्ली में भी उनके लिए पॉलिसी बनाई जाए, जिसके तहत वो 60 साल तक नौकरी करने के पात्र हो सकें. फ़िलहाल दिल्ली सरकार ने पॉलिसी बनाकर उप राज्यपाल को भेजा था जिसे वहां से ख़ारिज कर दिया गया.
अब बीते कई दिनों से सैकड़ों की तादाद में गेस्ट टीचर्स दिल्ली बीजेपी दफ्तर के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें सैकड़ों की तादाद में महिलाएं भी शामिल हैं जिनके साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं. तपती धूप में बीच सड़क पर ये टीचर्स बैठकर लगातार प्रर्दशन कर रहे हैं.
बीजेपी पर लगाया धोखा देने का आरोप
दरअसल प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों का कहना है कि पहले तो बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उनके समर्थन की बात की थी. जिसके तहत तिवारी ने गुरूवार को इन शिक्षकों से मुलाकात भी की और शुक्रवार को उप राज्यपाल से मिलाने भी पहुंचे थे. लेकिन दोनों ही जगह से गेस्ट टीचर्स को केवल आश्वासन मिला. प्रदर्शन कर रहे ऑल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि दिल्ली के 22 हज़ार परिवार आम आदमी पार्टी, बीजेपी और एलजी के चक्रव्यूह में पिस गए हैं.