एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन नहीं करने वाली विपक्षी पार्टियों पर बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने निशाना साधा है. तिवारी ने कहा है कि कोविंद का समर्थन नहीं करना दिखाता है कि लोग सिर्फ दलितों के हित की बात करके दिखावा करते हैं.
तिवारी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्हें रामनाथ कोविंद जैसे दलित पसंद नहीं हैं तो फिर उनका दलित प्रेम सिर्फ दिखावे के लिए है. क्योंकि वो तो दलितों की बात करते हुए, उनके हितों की रक्षा करने का दावा करते हुए न जाने बैंगलोर और कहां-कहां बिना बुलाए, बिना किसी जान-पहचान के भी पहुंच जाते हैं. वो वेमुला मामले में भी वहां चले गए थे, जबकि कोई लेना-देना नहीं था.
तिवारी ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर चुटकी भी ली और कहा कि उनके पास 67 विधायक हैं, इस नाते उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालना है. ये तो तय है, लेकिन अगर उनसे न पक्ष, न विपक्ष बात कर रहा है, तो उनको समझ लेना चाहिए कि वो कैसी राजनीति कर रहे हैं कि उनकी कोई पूछ परख ही नहीं बची है.
तिवारी के मुताबिक रामनाथ कोविंद ऐसे दलित विद्वान हैं, जिनका बचपन गरीबी में बीता. उनकी गांव में घास की टपरी हुआ करती थी, जिसमें आग लग गई थी और उनकी मां की उसमें मौत हो गई थी. लेकिन कोविंद जी ने अपने आपको इस काबिल बनाया कि वो बड़े वकील रहे, सांसद रहे और अब बीजेपी ने उनके जैसे दलित विद्वान को देश के सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कोई उनका विरोध करता है या उनकी उम्मीदवारी का समर्थन नहीं करता है तो उनके दलित प्रेम को आप क्या कहेंगे.