दिल्ली में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी और बीजेपी शासित एमसीडी में अक्सर टकराव देखने मिलता है. दोनों राजनीतिक दल साथ मिलकर काम करने की बात तो करते हैं लेकिन यह दावा महज़ बयानबाज़ी का हिस्सा बनकर रह जाता है.
2015 में केजरीवाल सरकार आने के बाद से ही दिल्ली में कूड़े की समस्या को लेकर एमसीडी से आम आदमी पार्टी खींचतान इतनी बढ़ गयी है कि इसका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है.
हाल ही में हुए गाजीपुर हादसे के बाद दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर दिल्ली की 7 समस्याओं के समाधान के लिए मुलाक़ात का वक़्त मांगा है. मनोज तिवारी का दावा है कि वो कई बार आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया से मिलने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाए.
ये हैं वो 7 समस्याएं-
1. अनियमित कॉलोनी, झुग्गी बस्ती और दिल्ली देहात में पानी की कमी.
2. दिल्ली की सीवर व्यवस्था और सफाई कर्मचारी के काम में अधिकारियों की लापरवाही.
3. सरकारी अस्पतालों में दवाई और ईलाज मिलने में कठनाई.
4. कूड़े की लैंडफिल साइट के चलते पूर्वी दिल्ली में सफाई व्यवस्था के बिगड़ते हालात.
5. दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने में हो रही देरी.
6. नगर निगम के आर्थिक संसाधनों के जारी होने में हो रही देरी.
7. गेस्ट टीचर्स और सरकारी विभाग में अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करना.
लैंडफिल साइट के मसले पर 'आजतक' से खास बातचीत करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री से बड़ी कोई संस्था नहीं है, लेकिन अफसोस है कि सीएम बातों से दवाब बनाना चाहते हैं पर फंड रिलीज नहीं कर रहे. पिछले 10 साल में कूड़े के पहाड़ की इस समस्या को निपटा लेना चाहिए था.
नया लैंडफिल खोजकर सेटअप हो जाना चाहिए था, लेकिन क्या बड़ी दुर्घटना के लिए सरकार का इंतजार करना सही है? अरविंद केजरीवाल से मिलने गए तो वह भाग गए. सीएम केजरीवाल मिलकर बात नही करेंगे तो समस्या कैसे सुलझेगी?"
MCD ने निकाला हल
हालांकि मनोज तिवारी यह दावा भी कर रहे हैं कि बीजेपी शासित एमसीडी ने कूड़े का हल निकाल लिया है. तिवारी ने कहा कि 'अगले एक साल में गाजीपुर का कूड़ा खत्म हो जाएगा. हमने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मंत्रालय के साथ समझौता किया है. गाजीपुर का कूड़ा सड़क बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा.