राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में आग लग गई है. आग लगने की जानकारी पाकर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई है. फायर ब्रिगेड के छह दमकल आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं. गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में लगी आग के कारण हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है. धुएं का गुबार आसपास के इलाकों में भी फैल गया है.
गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में लगी भीषण आग के कारण हर तरफ धुआं फैल गया है जिसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. आसपास के लोगों ने दोपहर करीब 2 बजकर 27 मिनट पर आग लगने की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी. जानकारी पाकर फायर ब्रिगेड ने तत्काल छह गाड़ियां मौके पर भेज दीं जो आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं.
दिल्ली सरकार ने दिए जांच के आदेश
गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में लगी आग को लेकर दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद एमसीडी सुधरने को तैयार नहीं है. जिस तरह वहां आग लगी है, उसी तरह पहले भी लगती रही है. डिजास्टर मैनेजमेंट की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. डीपीसीसी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि डीपीसीसी से 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है. उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
कोंडली विधायक ने गौतम गंभीर पर बोला हमला
दूसरी तरफ, गाजीपुर डंपिंग ग्राउंड में लगी आग को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक कुलदीप कुमार ने ट्वीट कर पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर पर निशाना साधा है. उन्होंने गौतम गंभीर पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि आखिर कब तक जनता को मौत के मुंह में धकेलते रहोगे. कितनी बार आग लगाकर गाजीपुर लैंडफिल साइट को कम करोगे.
आम आदमी पार्टी के विधायक ने गौतम गंभीर पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या इस जहरीले धुएं से कोंडली विधानसभा क्षेत्र की जनता को मारना चाहते हो? कहां गया वो वादा, आखिर आप कब गंभीर होंगे? आतिशी ने भी इस घटना के लिए बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि ये एमसीडी में उनके 15 साल के शासन की देन है. ईडीएमसी के मुताबिक गाजीपुर के इस कूड़े के पहाड़ को खत्म करने में करीब 200 साल का समय लगेगा. अब एमसीडी सीधे पीएम मोदी के कंट्रोल में है, वे बताएं कि इस समस्या का क्या समाधान है. उन्होंने कहा कि आग के कारण आसपास के इलाकों में फैला धुआं कम से कम 2 से 3 हफ्ते तक उस क्षेत्र के लोगों के लिए सांस लेने में दिक्कत पैदा करता रहेगा.