दिल्ली सरकार के मंत्रियों की तरफ से एमसीडी पर चौतरफा हमला हुआ, तो अब एमसीडी ने भी पलटवार शुरू कर दिया है. बीजेपी की सत्ता वाली एमसीडी के नेता न सिर्फ मीटिंग और मानिटरिंग में लग गए हैं, बल्कि सियासी बयानों का भी मोर्चा संभाल लिया है. साउथ एमसीडी के मेयर ने बुधवार को अपने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की बैठक बुलाकर पूरे हालात की समीक्षा की. सदन के नेता सुभाष आर्या भी दिनभर फील्ड में सक्रिय दिखे.
'आज तक' से बात करते हुए साउथ एमसीडी के मेयर श्याम शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा एमसीडी के सिर फोड़ रही है. जबकि हकीकत ये है कि जब तैयारियों का वक्त था, तब दिल्ली सरकार की नींद नहीं खुली. एमसीडी ने मई से अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं, जिसमें डेंगू की रोकथाम के लिए तमाम तरीकों का अपनाया गया.
'हमने समय रहते अभियान चलाया'
मेयर के मुताबिक, आम लोगों में मच्छरों से बचने के लिए जागरुकता लाने के लिए पूरा एक अभियान चलाया गया. ताकि घरों और आसपास के इलाकों में मच्छरों का लार्वा न पनप सके. ब्रीडिंग चेक करने के अभियान को भी वक्त पर शुरू कर दिया गया. अब तक लाखों घरों तक एमसीडी के कर्मचारी पहुंच चुके हैं. हजारों चालान काटे जा चुके हैं. दवाई के छिड़काव की पूरी योजना बनाई गई, जहां-जहां भी जरूरत हुई फॉगिंग की गई.
दिल्ली सरकार तालमेल बिठाने में नाकाम
श्याम शर्मा के मुताबिक, दिल्ली सरकार का काम एजेंसियों के बीच तालमेल बिठाने का है. इसके लिए हर साल मीटिंग बुलाई जाती है, लेकिन इस बार कोई बैठक नहीं हुई. कोई एक्शन प्लान सरकार की तरफ से नहीं बनाया गया. अब जब बीमारी पैर फैला चुकी है तो इनके अस्पताल इलाज मुहैया कराने में नाकाम साबित हो रहे हैं. ऐसे में दिल्ली सरकार को अपने अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए. मरीजों को सुविधाएं देने पर विचार करना चाहिए न कि अपनी गलती का ठीकरा एमसीडी पर फोड़ना चाहिए.
मेयर के मुताबिक, एमसीडी का काम मच्छरों को पनपने से रोकना है और दिल्ली सरकार का काम मरीजों के इलाज की व्यवस्था करना. डेंगू की रोकथाम के लिए उपाय किए गए, लेकिन इस बार बारिश ज्यादा हुई, तो मच्छरों को पनपने का मौका मिल गया. लेकिन अस्पतालों में बदइंतजामी की वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.