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केजरीवाल की नजर BJP के साइलेंट वोटर्स पर, महिलाओं को रिजर्व से ज्यादा सीटों पर उतारा

दिल्ली नगर निगम चुनाव में नामांकन के लिए आज आखिरी दिन है. कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने अपने-अपने सभी उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. केजरीवाल ने 250 सीटों में से 138 सीटों पर महिला प्रत्याशी उतारे हैं, जिसमें 13 सामान्य सीटों पर भी महिला कैंडिडेट दिए हैं. इस तरह से केजरीवाल का पूरा फोकस महिला वोटर्स पर है.

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आम आदमी पार्टी ने महिला कैंडिडेट उतारे
आम आदमी पार्टी ने महिला कैंडिडेट उतारे

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का चुनाव भले ही छोटा और स्थानीय नजर आ रहा हो, लेकिन सियासी दल इस बहाने भविष्य की राजनीति का एजेंडा सेट करना चाहते हैं. दिल्ली की सत्ता पर अरविंद केजरीवाल भले ही 8 साल से काबिज हों, लेकिन वो न तो एमसीडी में अपना प्रभाव जमा सके और न ही दिल्ली से कोई लोकसभा चुनाव जीता है. इस बार आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव में बीजेपी के 15 साल के सियासी वर्चस्व को तोड़ने के लिए उसी के फॉर्मूले पर दांव खेला है. लेकिन यह दांव कितना कारगर रहता है ये तो चुनाव के नतीजे आने के बाद ही साफ हो पाएगा.

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अरविंद केजरीवाल की नजर बीजेपी के 'साइलेंट वोटर्स' (महिला मतदाताओं) पर है, जिन्हें अपने पाले में करने के लिए आम आदमी पार्टी ने बड़ा सियासी दांव चला है. केजरीवाल महिला मतदाता को साधने के इरादे से एमसीडी चुनाव में रिजर्व सीटों पर ही नहीं बल्कि अनरिजर्व (अनारक्षित) सीटों पर भी महिला कैंडिडेट उतारे हैं. एमसीडी की 250 पार्षद सीटों में से 125 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने 138 महिला कैंडिडेट दिए हैं. आम आदमी पार्टी रिजर्व के अलावा 13 सामान्य सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है. 

अनरिजर्व सीट पर महिला प्रत्याशी

आम आदमी पार्टी ने कालकाजी के श्रीनिवासपुरी वॉर्ड की जनरल सीट पर इंदु को टिकट दिया है. ऐसे ही पीतमपुरा से संजू जैन, पश्चिम विहार से शालू दुग्गल, शास्त्री नगर से बबिता शर्मा, द्वारका से कैप्टन शालिनी, डाबरी से तिलोत्तमा चौधरी, विष्णु गार्डेन से मीनाक्षी चंदेला, इंद्रपुरी ज्योति गौतम, दरियागंज से सारिका चौधरी, न्यू अशोक नगर से अनिता हाकम, भजनपुरा से रेखा रानी,  यमुना विहार से विनीता लूथरा और सफदरगंज एन्केल्व से सरिता फोगाट को प्रत्याशी बनाया है. यह सभी जनरल सीटें है, जहां से आम आदमी पार्टी ने महिला कैंडिडेट उतारे हैं. 

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आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव के लिए कराए गए प्रत्याशियों के सर्वे में क्षेत्र की जनता ने सामान्य सीटों पर टिकट पाने वाली इन 13 महिलाओं को अपनी पहली पसंद बताया है. सीएम केजरीवाल भले ही यह कह रहे हों कि जनता ने इन महिला दावेदारों को पुरुष दावेदारों से अधिक प्वाइंट दिए हों, लेकिन जिस तरह से उन्होंने जनरल सीटों पर महिला कैंडिडेट उतारे हैं, उसके पीछे उनका मकसद साफ जाहिर है.

महिला वोटर्स पर केजरीवाल की नजर

एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने महिला सशक्तिकरण का दांव खेलकर बीजेपी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. बदले हुए सियासी माहौल में महिला वोटर्स की चुनाव में जीत-हार में अहम रोल प्ले कर रही है. बिहार के चुनाव में देखा गया है कि बीजेपी की जीत में महिला वोटर्स की भूमिका अहम रही थी. ऐसे ही पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी की वापसी में भी महिला वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई थी. बिहार चुनाव में बीजेपी के जीत का श्रेय तो पीएम मोदी ने साइलेंट वोटर्स को दिया था. 

केजरीवाल दिल्ली के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं पर मेहरबान रहे हैं. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा साल 2019 में दी थी. फ्री बस सेवा सुविधा नोएडा-एनसीआर, एयरपोर्ट और डीटीसी और क्लस्टर बसों में भी उपलब्ध है. दिल्ली की लगभग 40 फीसदी महिलाएं इस सुविधा का लाभ उठा रही हैं. यही नहीं हाल ही में केजरीवाल ने दिल्ली में 'महिला मोहल्ला क्लीनिक' शुरू किए हैं, जिसमें महिलाओं का इलाज महिला डॉक्टरों के जरिए किया जा रहा है. 

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क्या AAP को मिलेगा महिला वोट

वहीं, अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव में महिलाओं के लिए रिजर्व सीटों से ज्यादा टिकट देकर बड़ा सियासी दांव चला है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि एमसीडी का टिकट मांगने वाले संगठन के कार्यकर्ताओं के सर्वे में इस बात पर भी ध्यान दिया कि सामान्य सीटों पर कितनी महिलाएं टिकट की दावेदार हैं और उन दावेदार महिलाओं की जनता के बीच छवि कैसी है? सर्वे में उन महिला दावेदारों के बारे जनता की राय जानी गई कि दावेदारी करने वाली महिलाओं की जनता से कितना जुड़ाव है और जनहित के मुद्दों को कितनी मुखर तरीके जनता की आवाज उठाती हैं. इस तरह केजरीवाल ने घर-घर में अपनी पैठ मजबूत बनाने के लिए महिलाओं को उतारा है. 

बता दें कि अक्सर राजनीतिक पार्टियां सामान्य सीटों पर पुरुष को ही उम्मीदवार बनाती हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इस परंपरा को तोड़ा है और 13 महिला कैंडिडेट को सामान्य सीटों पर प्रत्याशी बनाया है. ऐसे ही बीजेपी ने भी 250 सीटों में से 126 महिला कैंडिडेट को उतारा है, जिनमें से एक सामान्य सीट पर प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने भी एमसीडी में 50 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए हैं. ऐसे में देखना है कि महिलाओं को साधने में कौन सफल रहता है?

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