एमसीडी चुनावों में टिकटों का ऐलान करने में बीजेपी के दफ्तर में इमोशन, ट्रेडजी, ड्रामा, सस्पेंस और थ्रिल सबकुछ दिख गया. बीजेपी ने एमसीडी चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित करने में क्लाइमेक्स की भी हद कर दी. एमसीडी चुनावों के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवारों की आखिरी लिस्ट नामांकन का वक्त खत्म होने से महज तीन घंटे पहले आई. इस दौरान टिकट की चाहत रखने वालों के दिल की धड़कनें बढती-घटती रहीं.
बीजेपी ने चार हिस्सों में अपनी लिस्ट जारी की. पहली लिस्ट तो 160 उम्मीदवारों के नाम के साथ रविवार की शाम को ही जारी कर दी गई. इसके बाद बीजेपी के कई कार्यकर्ता नाराज होकर प्रदेश बीजेपी दफ्तर में हंगामा भी किया. सुबह मदनगीर से आई महिलाओं की टोली ने पंत मार्ग के बीजेपी दफ्तर में खूब हंगामा काटा. वार्ड 79 से आई इन महिलाओं का कहना था कि टिकट बाहरी उम्मीदवार को दिया गया है. इन महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान खूब इमोशनल ड्रामा भी देखने को मिला.
चार महीने पहले तक पूर्वांचल मोर्चा के महामंत्री रहे शैलेंद्र पांडे तो निर्दलीय नामांकन भरने के बाद फूलमालाएं पहनकर दिल्ली बीजेपी के दफ्तर पहुंचे. मकसद ये दिखाना था कि पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो अब पार्टी के उन नेताओं को सबक सिखाएंगे, जिन्होंने उनके बदले किसी और को टिकट दिला दिया. इसी तरह दिन भर अपनी शिकवा शिकायतों को लेकर लोगों का आने का सिलसिला चलता रहा.
हालांकि सोमवार को जो बीजेपी ने अपनी तीन लिस्ट जारी कीं, उसमें न तो उम्मीदवारों को कुछ समझने का मौका मिला और न ही नाराज कार्यकर्ताओं को सोचने का वक्त. नामांकन शाम छह बजे तक भरे जाने थे, लेकिन बीजेपी की आखिरी लिस्ट पौने चार बजे जारी की गई. ऐसे में मशक्कत बीजेपी के लीगल सेल के कार्यकर्ताओं की बढ़ गई, क्योंकि कई उम्मीदवार तो ऐसे हैं जिन्हें ये भी नहीं पता था कि नामांकन के लिए जरूरी कागजात कौने से हैं और कहां से मिलेंगे.
बीजेपी लीगल सेल के एक सदस्य के मुताबिक इस बार जैसी अफरातफरी पहले किसी चुनाव में नहीं देखी गई.