दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. बीजेपी ने अपने पांच स्टार प्रचारक मैदान में उताड़ दिए हैं. आप पार्टी ने कहा है कि वो पूरी दिल्ली में एक हजार चुनावी सभाएं करेगी. अब बारी कांग्रेस की थी सो कांग्रेस ने भी 'खाट पर चर्चा' के तर्ज पर 'चाट पर चर्चा’शुरू कर दी है.
चुनाव दर चुनाव हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी को भरोसा है कि वो इस कदम से दिल्ली के मतदातों को अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब हो जाएगी.
एक कहावत है कि हमारा देश हिंदुस्तान चटोरों का देश है और यहां पर मसालों से बनी हुई चीजें जनता में काफी लोकप्रिय हैं. खासकर दिल्ली वालों को भी चाट के चटकारे काफी पसंद हैं.कांग्रेस के झंडे लहराते रहे और कांग्रेस के वायदों के गुब्बारे आसमान में उड़ने लगे, टिकट मांगने वाले नारे लगाते रहे और मंच से नेताजी उन्हें नारे रोकने को बोलते रहे...गुब्बारों में से कुछ वही पर ही पेड़ पर अटक गए. कांग्रेस पार्टी का कार्यक्रम तो कुछ यूं था कि दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहले जनता से सवाल-जवाब करेंगे और फिर उसके बाद में सभी मिलकर चाट का लुत्फ़ उठाएंगे मगर टिकट मांगने वालों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की चाट का मजा किरकिरा कर दिया. उन्हें बिना चाट खाए ही वहां से लौटना पड़ा. मौके पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि जनता केजरीवाल और भाजपा के भ्रष्टाचार से बेहद दुखी है इसलिए कांग्रेस के पास उमड़ा जनसैलाब दर्शाता है कि निगम में कांग्रेस की जोरदार वापसी होने वाली है.
जाहिर है कि चाट पर चर्चा नाम तो सुनने में अच्छा लगता है मगर जनता से संवाद के नाम पर जिस तरह से टिकट मांगने वालों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को रैली स्थल से दौड़ा दिया इससे कहीं ना कहीं टिकट मिलने के बाद होने वाली स्थिति का आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है.