MCD चुनाव को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के धुरंधर भी चुनाव मैदान में कूदने की तैयारी में लग गए हैं. डूसू चुनाव के पूर्व पदाधिकारी और छात्र नेताओं ने टिकट के लिए जोड़तोड़ शुरु कर दी है. आलम ये है कि बुआ के सामने भतीजी एक ही वार्ड से टिकट लेने की प्रतिस्पर्धा कर रही है. निगम चुनाव का टिकट पाने की दौड़ में एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र नेता भी लगे हैं.
साल 2009 में डूसू की उपाध्यक्ष रही कृति वडेरा शकरपुर वार्ड से टिकट मांग रही हैं. यहां पर भाजपा से सुशील उपाध्याय निगम पार्षद हैं. लेकिन अब यह महिला सीट हो गई है. कृति का कहना कि वो साल 2011 से ही बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय हो गयी थीं और छात्र जीवन में राजनीति का अनुभव ही एमसीडी में बेहतर प्रदर्शन करने के आत्मविश्वास का उनका आधार है.ऐसे ही प्रिया डबास पूंछ खुर्द वार्ड से बीजेपी का टिकट मांग रही हैं. प्रिया वर्ष 2010 में डूसू की उपाध्यक्ष थीं. यहां रोचक स्थिति यही है कि उनके सामने उनकी भतीजी नीतू डबास हैं. जो उन्हीं के साथ डूसू में जनरल सेक्रेटरी थी. प्रिया ने बताया कि नीतू गांव की नातेदारी में उनकी भतीजी लगती है.
वरूण खारी एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव वरूण खारी वजीरपुर औद्योगिक एरिया वार्ड 72 नॉर्थ से टिकट मांग रहे हैं. इसी प्रकार आयानगर वार्ड 73 से एनएसयूआई के नेशनल ट्रेनिंग टीम के सदस्य वेदपाल लोहिया टिकट की चाहत में हैं. इसके अलावा डूसू में 2010 में संयुक्त सचिव अक्षय कुमार जो दलित वर्ग से हैं, कोंडली वार्ड नंबर 7 ईस्ट से टिकट मांग चाह रहे हैं. 2008 में डूसू उपाध्यक्ष रहे मनोहर नागर आईपी एक्सटेंशन वार्ड से टिकट मांग रहे हैं. देखना ये है कि इन छात्र नेताओं ने असल राजनीतिक जीवन के कितने गुर छात्र राजनीति में सीखे हैं जिनपर भरोसा करके इनकी पार्टी इन्हें टिकट देती है.