बीजेपी ने दिल्ली एमसीडी में जीत की हैट्रिक लगाई है. अब बारी जनता के वादों पर खरा उतरने की है. एमसीडी में बीजेपी के पास चुनौतियों का अंबार है. इनमें शहर के कई इलाकों में सफाई व्यवस्था सुधारना एमसीडी के नए प्रशासन की प्राथमिकता होगा. इसके लिए बीजेपी पार्षदों को आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत होगी.
साफ होगी दिल्ली?
प्रधानमंत्री मोदी की लहर के चलते दिल्ली की जनता ने इस दफा बीजेपी के हक में फैसला सुनाया है. लेकिन एमसीडी का पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखें तो सफाई के मामले में काम ना के बराबर हुआ है. ऐसे में 2 महीने के भीतर सफाई व्यवस्था सुधारने के बीजेपी के दावों पर सवाल उठना लाजिमी है.
शकूर बस्ती में नहीं सुधरे हालात
दिल्ली के सबसे गरीब इलाकों में से एक शकूर बस्ती में इस बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. इससे पहले यहां कांग्रेस का कब्जा था. पार्षद और पार्टियों के बदलने पर भी यहां के हालात जस के तस रहे. इलाके के कूड़ाघरों की सफाई अब भी भगवान भरोसे ही है.
रानीबाग में सुधरेगी व्यवस्था?
दिल्ली के रानीबाग इलाके का हाल भी कुछ अलग नहीं है. यहां की मुख्य सड़क पर बना कूड़ाघर सरकारी लापरवाही की कहानी बयां करता है. इस बार यहां के लोगों ने बीजेपी की जीत दिलाई है. उन्हें अब साफ सड़कों और मोहल्लों की उम्मीद है.
पूरे होंगे वादे?
बीते दस सालो में दिल्ली एमसीडी की लापरवाही का खामियाजा यहां की जनता को उठाना पड़ा है. खुद पार्टी हाईकमान ने कमियों को मानते हुए नए वादे भी किये हैं. लेकिन अभी भी दिल्ली की कमान आम आदमी पार्टी के हाथों में है ऐसे में सिर्फ चेहरे बदल लेने से क्या स्वच्छ दिल्ली का सपना साकार हो पायेगा ये एक बड़ा सवाल है.