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एमसीडी चुनाव- दूसरे दलों से चुनाव जीतकर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं में बेचैनी

दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देने फैसले से दूसरी पार्टियां छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में बेचैनी है. ऐसे में कई पार्षदों का भविष्य अधर में लटक गया है.

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एमसीडी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एमसीडी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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दिल्ली नगर निगम में बीजेपी के मौजूदा पार्षदों को टिकट नहीं देने फैसले से दूसरी पार्टियां छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं में बेचैनी है. ऐसे में कई पार्षदों का भविष्य अधर में लटक गया है. गौरतलब है कि इनमें कई ऐसे भी नेता हैं जो 2012 के एमसीडी चुनाव किसी अलग पार्टी या फिर निर्दलीय लड़ने और जीतने के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे. इनकी संख्या 12 से अधिक है.

बीजेपी में शामिल नेताओं में हैं गुस्सा...
बीजेपी द्वारा सारे पार्षदों के टिकट काटने के निर्णय पर इनमें काफी गुस्सा है. उनका तर्क है कि बीजेपी को अगर टिकट काटना है तो फिर उनका काटे जो कमल के निशान पर चुनाव जीतकर आये हैं. हाल ही में भाजपा में शामिल हुए नेता इस निर्णय से खफा हैं.

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जीत के बाद ये पार्षद हुए थे भाजपा में शामिल
दक्षिणी दिल्ली निगम के प्रवीण राजपूत (निर्दलीय), डिंपी कसाना, धर्मवीर अवाना (राष्ट्रवादी कांग्रेस) और सीमा पंडित (इनेलो) चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे. प्रवीण राजपूत स्थायी समिति के उपाध्यक्ष और सदस्य रहे हैं. इसी तरह उत्तरी दिल्ली निगम के पार्षद भूमि चतर सिंह रछोया (कांग्रेस), प्रमोद तंवर, सुरेश गर्ग (निर्दलीय), प्रवेश कुमार चौहान (बसपा) भी बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद बीजेपी ने प्रवेश कुमार चौहान को उत्तराधिकार प्राप्त कमेटी का अध्यक्ष बनाया था.

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