दिल्ली सरकार कम से कम वेतन मामले में एमसीडी से पिछड़ गई है. उत्तरी नगर निगम ने अपने कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा देने जा रही है और ऐसा करने वाली वो देश की पहली निगम भी बन चुकी है.
65 हजार कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
दरअसल केन्द्र सरकार पहले ही अपने कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग का तोहफा दे चुकी है. उत्तरी नगर निगम में 65000 कर्मचारी हैं, जिनको इसका सीधा फायदा होगा. उत्तरी नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि बढ़ा हुआ वेतन सितंबर के महीने से कर्मचारियों को मिलने लगेगा. फिलहाल उत्तरी नगर निगम कर्मचारियों के वेतन पर करीब 2652 करोड़ पर खर्च करती है जो कि 7वां वेतन आयोग लागू करने का बाद करीब 550 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. हालांकि उत्तरी नगर निगम पहले से ही वित्तीय संकट से गुजर रही है. लेकिन फिर भी इससे लागू करना एक मास्टर स्ट्रोक की रूप में देखा जा रहा है.
चुनाव से पहले बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक
गौरतलब है कि 2017 के शुरुआती महीने में ही दिल्ली में एमसीडी का चुनाव है, ऐसे में कर्मचारियों को 7वां वेतन आयोग का तोहफा फायदेमंद साबित हो सकता है. अगस्त महीने में स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग है जहां इसे पास होना है. उत्तरी नगर निगम में बीजेपी काबिज है, इसलिए मीटिंग में इसका पास होना भी तय माना जा रहा है और यही कारण है कि इसका ऐलान मीटिंग से पहले ही कर दिया है.
वैसे तो पूर्वी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में इसको लागू होना है लेकिन फिलहाल इसका ऐलान नहीं किया गया है. जबकि उतरी नगर निगम ने सितंबर महीने से कर्मचारियों को तोहफा दे देगी.