डेंगू, चिकनगुनिया से राजधानी के लोगों की जंग जारी है. ऐसे में एजेंसीज की भूमिका खासी एहम मानी जा रही है और शायद इसीलिए MCD ने अपने हर जोन के लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर्स बना रखे हैं. ताकि कोई कहीं भी कूड़े का ढेर देखे तो तुरंत इन हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल करके मदद ले सकता है. लोगो में डेंगू की देहशत का आलम ये है कि आज कल इन हेल्पलाइन नंबर्स पर हर 7वें मिनट में 1 कॉल आती है, जो आसपास के कूड़े को हटाने की रिक्वेस्ट करते हैं. लेकिन ये नंबर्स फेल साबित होते दिख रहे हैं.
एक महीने में 5 हजार से ज्यादा कॉल्स
MCD के मुताबिक कूड़ा उठाने के लिए पिछले एक महीने में ही 5636 कॉल्स दर्ज की जा चुकी हैं. जिसमे ईस्ट MCD ने 1000 कॉल्स दर्ज की हैं और साउथ MCD में 2418 कॉल्स दर्ज की गई हैं. इसी तरह से एजेंसीज पर लगातार लोगों का प्रेशर बना हुआ है. कूड़े के ढेर पर मच्छरों की ब्रीडिंग से लोगो में डर बना हुआ है और इसीलिए लोग जल्द कूड़ा हटाने की जुगत में लगे हुए हैं.
सड़कों पर अब भी दिख रहा है कूड़ा
ताज्जुब ये है कि दिल्ली की इतनी गंभीर हालात में भी सड़को और गलियो में जहां तहां कूड़ा फैला हुआ है और लोगों में बीमारियो की वजह बन रहा है. इतनी शिकायतों के बावजूद MCD समय पर कूड़ा उठाने में फेल साबित हो रही है. जगतपुरी के निवासियों की माने तो इन हेल्पलाइन नंबर्स से कोई एक्शन नहीं होता और कूड़ा जस का तस सड़कों पर और घर के बाहर बना रहता है. कूड़े की वजह से पूरी कॉलोनी में डेंगू, चिकनगुनिया फैला हुआ है. हर घर में एक मरीज मौजूद है. सवाल ये है कि एक तरफ तो MCD हेल्पलाइन नंबर्स के जरिए इतनी शिकायतें दर्ज होने का दावा कर रही है और वहीं दूसरी तरफ जमीनी तौर पर कुछ नजर नही आ रहा है.