दिल्ली में जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, तो वहीं अब वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यू विभाग और एमसीडी के बीच सियासी जंग तेज हो चुकी है. दरसअल साउथ दिल्ली नगर निगम के डेम्स विभाग ने दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले लोक निर्माण विभाग पर सड़कों की सफाई करने के दौरान सहयोग ना करने का मुद्दा उठाया है. एमसीडी के मुताबिक उसका विभाग धूल प्रदूषण कम करने की जद्दोजहद में जुटा है, तो वहीं दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यू विभाग सहयोग नहीं कर रहा है. अब एमसीडी एलजी अनिल बैजल के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाएगी.
ये है MCD की शिकायत
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर कमलजीत सेहरावत का कहना है कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यू विभाग की सड़कों की स्थिति दयनीय है, तो वहीं फुटपाथ भी टूटे हुए हैं, जिसकी वजह से धूल की सफाई में दिक्कतें आ रही हैं और मैकेनिकल स्वीपर मशीन का सही ढंग से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से वायु प्रदूषण फैलता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में डस्ट पॉल्यूशन को रोकने में स्वीपर मशीन का बहुत ही अहम रोल है क्योंकि इससे धूल हवा में नहीं उड़ती बल्कि मशीन में ही खींच ली जाती है. साथ ही मैन पावर का भी इस्तेमाल बहुत कम होता है.
एमसीडी का कहना है सेंट्रल वर्ज, चैनल और फुटपाथ खासकर के एसएसएन मार्ग, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, धौला कुआं, पंखा रोड, मालवीय नगर और कई फ्लाईओवर बहुत ही खस्ता हालात में है. सड़कों पर छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़े गिरे रहते हैं, वहीं फ्लाईओवरों के मैस्टिक असफॉल्ट उखड़े हुए हैं, चैनल्स या तो डैमेज हैं या फिर टूट चुके हैं, जिससे स्वीपिंग में कठिनाई आती है. साथ ही बताया कि कूड़ा और निर्माण कार्य का मलबा भी सड़कों पर ही पड़ा रहता है, वो भी मशीन द्वारा सफाई में बाधक होता है.
उपराज्यपाल से शिकायत करेगी MCD
इस मामले को लेकर 10 अक्टूबर को पीडब्ल्यू विभाग को चिट्ठी भी लिखी गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अब एमसीडी एलजी अनिल बैजल से इसकी शिकायत करेगी, जिसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है.