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MCD Mayor Election: निर्वाचित पार्षद या एल्डरमैन, पहले कौन लेगा शपथ? फैसला लेने वाले पर ही सस्पेंस

एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 24 जनवरी को होना है. एमसीडी के मेयर चुनाव के लिए बुलाई गई पिछली बैठक में एल्डरमैन को पहले शपथ ग्रहण कराए जाने को लेकर ही हंगामा हुआ था. अगली बैठक में कौन पहले शपथ ग्रहण करेगा, निर्वाचित पार्षद या एल्डरमैन? ये फैसला लेने वाले यानी पीठासीन अधिकारी पर ही सस्पेंस है.

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शैली ओबेरॉय AAP और रेखा गुप्ता BJP से हैं मेयर उम्मीदवार (फाइल फोटो)
शैली ओबेरॉय AAP और रेखा गुप्ता BJP से हैं मेयर उम्मीदवार (फाइल फोटो)

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मेयर चुनाव को लेकर नई तारीख आ गई है. एमसीडी के एडमिनिस्ट्रेटर उपराज्यपाल (एलजी) के ऑफिस ने 24 जनवरी को मेयर का चुनाव कराने का ऐलान किया है. नई तारीख तो आ चुकी है लेकिन पीठासीन अधिकारी को लेकर तस्वीर अभी पूरी तरह से साफ नहीं हुई है. मेयर चुनाव की पिछली तारीख के लिए पीठासीन नियुक्त हुईं सत्या शर्मा ही इस बार भी पीठासीन रहेंगी या कोई नया, इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है.

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), आम आदमी पार्टी के साथ ही सभी की नजरें पीठासीन अधिकारी को लेकर एलजी दफ्तर के फैसले पर टिकी हैं. पीठासीन अधिकारी ही मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराते हैं. पीठासीन अधिकारी को लेकर फैसला एलजी ऑफिस को ही करना है. पीठासीन अधिकारी को ये फैसला भी लेना होता है कि पहले कौन शपथ ग्रहण करेगा.

गौरतलब है कि 6 जनवरी को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना था लेकिन एमसीडी सदन में हुई मारपीट और तोड़फोड़ के बाद चुनाव को स्थगित कर देना पड़ा था. तब एमसीडी की बैठक का संचालन करने के लिए सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी मनोनित किया गया था. सत्या शर्मा ने पीठासीन अधिकारी के रूप में शपथ ग्रहण भी कर लिया था लेकिन जो मुख्य जिम्मेदारी है मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव संपन्न कराने की, वह अभी अधूरी है.

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ऐसे में चर्चा है कि 24 जनवरी को होने वाली एमसीडी की बैठक में सत्या शर्मा ही पीठासीन अधिकारी होंगी. हालांकि, इसे लेकर एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ही होंगी या कोई और, इसका फैसला एलजी ही करेंगे. एमसीडी के सचिव भगवान सिंह ने कहा कि सदन की बैठक कराने के लिए दिल्ली नगर निगम पूरी तरह से तैयार है.

उन्होंने बताया कि एमसीडी की बैठक नगर निगम मुख्यालय ए ब्लॉक की चौथी मंजिल पर दिल्ली की पहली मेयर अरुणा आसफ अली सभागार में 24 तारीख को होगी. इसके लिए सभी पार्षदों को नए सिरे से सूचना दी जाएगी. अब चर्चा इस बात को लेकर भी है कि पहले निर्वाचित पार्षद शपथ लेंगे या एलजी की ओर से मनोनित. सवाल इसलिए भी बड़ा है क्योंकि पिछली बैठक में हंगामा पहले शपथ की बात पर ही हंगामा हुआ था.

पहले शपथ ग्रहण पर संशय बरकरार

एमसीडी के निर्वाचित पार्षद पहले शपथ ग्रहण करेंगे या मनोनित, इसे लेकर संशय बरकरार है. निगम मामलों के जानकार जगदीश ममगाई का कहना है कि शपथ को लेकर फैसला पीठासीन अधिकारी को ही करना होता है. कौन पहले शपथ लेगा, यह पीठासीन अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में आता है. 6 जनवरी को इसी बात पर हंगामा हुआ जब पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने निर्वाचित पार्षदों की बजाय मनोनित पार्षदों को पहले शपथ ग्रहण कराना शुरू किया. 

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सुरक्षा के लिए पुलिस को भेजा जाएगा पत्र

डायरेक्टर पीएनआई अमित कुमार का कहना है कि इलाके के कमला मार्केट थाने के साथ ही जॉइंट कमिश्नर और पुलिस विभाग के अन्य अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा. उन्होंने ये भी साफ किया कि एमसीडी की पिछली बैठक के दौरान हुए हंगामे की वजह से कोई विशेष सुरक्षा नहीं मांगी जा रही. पुलिस को सूचित करना रूटीन प्रक्रिया है.

पिछली बैठक में क्या हुआ था

बता दें कि एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था. एमसीडी की बैठक बुलाई गई थी. बैठक शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सबसे पहले मनोनित पार्षदों यानी एल्डरमैन को शपथ ग्रहण के लिए मंच पर बुलाया. शपथ ग्रहण के लिए चार एल्डरमैन सुमित चौहान, मुकेश मान, विनोद शेरावत और लक्ष्मण आर्य जैसे ही मंच पर पहुंचे, आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका विरोध शुरू कर दिया.

आम आदमी पार्टी के पार्षद वेल से निकलकर मंच तक पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी के पार्षद भी मंच पर पहुंच गए और दोनों दलों के पार्षद भिड़ गई. मर्यादा की सभी सीमाएं तार-तार हो गईं और दोनों पक्षों में जमकर लात-घूसे चले. हंगामे के बीच एल्डरमैन ने शपथ तो पूरी कर ली लेकिन बाकी सारी प्रक्रिया पूरी नहीं कर सके. एल्डरमैन को भी फिर से शपथ लेनी होगी.

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