scorecardresearch
 

कर्मचारियों और फंड की कमी के बीच डेंगू-चिकनगुनिया से कैसे लड़ेगी MCD

उत्तरी नगर निगम में फिलहाल 120 कर्मचारी ही इस योजना पर काम कर रहे हैं जबकि पद करीब 300 से ज्यादा हैं. वहीं मलेरिया विभाग के ज्यादातर पद खाली हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में समस्या और भी ज्यादा गंभीर है इसमें फंड की कमी के साथ-साथ स्टाफ भी कम है.

Advertisement
X
एमसीडी के पास स्टाफ और फंड की कमी
एमसीडी के पास स्टाफ और फंड की कमी

Advertisement

दिल्ली में साफ-सफाई के मसले पर एक ओर एमसीडी सवालों के घेरे में है तो वहीं दूसरी ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मच्छरों के ब्रीडिंग की चेकिंग का दावा कर रही हैं. अह इस दावे पर सवाल उठ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सच्चाई कुछ और ही है, उत्तरी नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के जिस विभाग के पास ब्रीडिंग चेकिंग का जिम्मा है लेकिन उसमें स्टाफ की संख्या बहुत कम है.

उत्तरी नगर निगम में फिलहाल 120 कर्मचारी ही इस योजना पर काम कर रहे हैं जबकि पद करीब 300 से ज्यादा हैं. वहीं मलेरिया विभाग के ज्यादातर पद खाली हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में समस्या और भी ज्यादा गंभीर है जिसमें फंड की कमी के अलावा वहां भी कर्मचारियों के भारी कमी है. ऐसे में निगमों के दावे में ज्यादा दम दिखाई नहीं देता.

Advertisement

अधिकारियों का कहना है कि ब्रीडिंग चेकिंग की मॉनिटरिंग तक नहीं हो पाती है, इसको जांचने का कोई तरीका ही नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस विभाग में नियमित कर्मचारियों की भारी कमी है. कॉन्ट्रैक्ट पर भी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है. इससे ना तो ठीक से ब्रीडिंग की चेकिंग हो पा रही है और न ही चेकर्स की मॉनिटरिंग ठीक ढंग से हो पाती है. ब्रीडिंग चेकर्स जो आंकड़े पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को उपलब्ध कराते हैं, उन्हें बिना जांच-परख के सर्टिफाई कर दिया जाता है. ऐसे में इस दावे का सटीक आंकलन कैसे किया जा सकता है.

Advertisement
Advertisement