दिल्ली सरकार और एमसीडी के बीच फिर तलवारें खींच गई है. दरसअल एमसीडी का आरोप है दिल्ली सरकार की बैठकों में एमसीडी अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाता है उन्हें घंटो इंतज़ार कराया जाता है जिससे एमसीडी का काम प्रभावित होता है.
इस मुद्दे को लेकर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन की बैठक हुई जिसमें ये प्रस्ताव पास किया गया जिसके मुताबिक 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक तक दक्षिण नगर निगम के कमिश्नर और दूसरे अधिकारी दिल्ली सरकार के बैठकों में नहीं जाएंगे.
सरकार की ओर से एमसीडी को भ्रष्ट बताया जा रहा है तो एमसीडी नेता आरोप लगा रहे हैं कि सरकार उनके कामकाज में अड़ंगा लगा रही है, साथ ही उनका निर्धारित फंड भी नहीं दिया जा रहा है. साथ ही उनका निर्धारित फंड भी नहीं दिया जा रहा है.
एमसीडी अफसरों के साथ दिल्ली विधानसभा की समिति के द्वारा किए गए बुरे बर्ताव को लेकर गुरुवार को साउथ एमसीडी ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है.
दरअसल कुछ दिन पहले रखी गई विधानसभा की एक समिति बैठक में साउथ एमसीडी में उच्च पद पर काम कर रहीं महिला अधिकारी भी मौजूद थीं. आरोप है कि इसी बैठक में समिति सदस्यों ने महिला अधिकारी के साथ अनुचित व्यवहार किया जिसकी शिकायत साउथ एमसीडी स्थाई समिति में की गई थी. इसी को लेकर गुरुवार हुई बैठक में दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था जिसे पास किया गया. हर बात पर सत्तापक्ष की टांग खींचने वाले विपक्ष ने इसमें सत्तापक्ष का साथ दिया और निंदा प्रस्ताव पास कराया.
विपक्ष के नेता फरहाद सूरी ने कहा कि सरकार के साथ टकराव नहीं होना चाहिए लेकिन अफसरों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके पहले भी दिल्ली सरकार के साथ फंड को लेकर जारी टकराव के दौरान ईस्ट और नार्थ एमसीडी दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास कर चुके हैं लेकिन ये पहली बार है जब अपने अधिकारी के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर एमसीडी ने दिल्ली सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है.