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एमसीडी चुनाव : वार्डों के परिसीमन से AAP भी नाखुश

दिल्ली में जल्द ही नगर निगम चुनाव होने हैं, लेकिन दिल्ली के वार्डों के परिसीमन ने नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. चुनाव आयोग के इस कदम से मौजूदा पार्षदों के साथ-साथ पहली बार निगम चुनाव में उतर रही आम आदमी पार्टी भी खुश नहीं है. ग्रेटर कैलाश विधानसभा से 'आप' विधायक सौरभ भारद्वाज ने परिसीमन के बाद वार्डों के घटने पर नाराज़गी जतायी है.

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सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश से आप के विधायक हैं
सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश से आप के विधायक हैं

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दिल्ली में जल्द ही नगर निगम चुनाव होने हैं, लेकिन दिल्ली के वार्डों के परिसीमन ने नेताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. चुनाव आयोग के इस कदम से मौजूदा पार्षदों के साथ-साथ पहली बार निगम चुनाव में उतर रही आम आदमी पार्टी भी खुश नहीं है. ग्रेटर कैलाश विधानसभा से 'आप' विधायक सौरभ भारद्वाज ने परिसीमन के बाद वार्डों के घटने पर नाराज़गी जतायी है.

'आजतक' की टीम ने विधायक सौरभ भारद्वाज के साथ ग्रेटर कैलाश के उन इलाकों का दौरा किया, जहां परिसीमन के बाद एक वार्ड को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया है. सौरभ ने बताया कि ग्रेटर कैलाश में परिसीमन से पहले 4 वार्ड थे, जो अब घटकर 3 वार्ड रह गए हैं.

सौरभ भारद्वाज कहते हैं, खिड़की एक्सटेंशन जो पहले शाहपुर जाट के 191 वार्ड में था, वह अब चिराग दिल्ली में आ गया है. इस परिसीमन के बाद करीब 15 हजार वोटर एक वार्ड से नए वार्ड में शिफ्ट हो गए हैं. इसके अलावा ग्रेटर कैलाश पार्ट 2, ग्रेटर कैलाश पार्ट 3 और ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव भी चिराग दिल्ली के वार्ड 189 से सीआर पार्क के वार्ड में शिफ्ट हो गया है. यहां भी एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट होने वाले वोटर की संख्या लगभग 14 हजार है. चुनाव आयोग द्वारा वार्डों के इस परिसीमन के बाद शाहपुर जाट गांव का वार्ड ही खत्म हो गया, इस वार्ड को ग्रेटर कैलाश 1 में शिफ्ट कर दिया गया है. यहाँ 11 हजार से ज्यादा वोटर शिफ्ट हुए हैं.

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ग्रेटर कैलाश से आप के विधायक सौरभ भरद्वाज कहते हैं, पहले मेरे क्षेत्र में 1 लाख 80 हजार वोटर थे, जो 4 वार्डों में बंटा हुआ था. एक वार्ड में लगभग 45 हजार वोटर थे. लेकिन परिसीमन के बाद 4 वार्ड घटकर 3 हो गए हैं और अब एक वार्ड में 60 हजार वोटर हैं.

भारद्वाज कहते हैं, 'हाल ही में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में मैंने देखा कि एक विधानसभा में पार्षदों की संख्या ज्यादा होती है. उससे पार्षद को एक-एक घर की समस्या जानने में आसानी होती है. लेकिन दिल्ली में नुकसान यह है कि आपने 60 हजार वोटर का एक वार्ड बना दिया है. वह कहते हैं, 272 वार्डों को परिसीमन के बाद भी 272 ही रखा गया, जबकि इसे 600 वार्ड तक बढ़ाया जा सकता था. इससे जनता और नेता दोनों को आसानी होती.'

चुनाव आयोग तक अपनी नाराज़गी पहुंचाने के सवाल पर सौरभ कहते हैं, 'अगर विधायक वार्डों में फेरबदल की मांग करते हैं, तो विरोधी पार्टी कहेगी कि ये एमसीडी चुनाव टालने की कोशिश है और हमारा ऐसा कोई मकसद नहीं है.'

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