दिल्ली में 23 अप्रैल को होने वाले एमसीडी चुनाव के लिए तमाम अपराधिक छवि वाले उम्मीदवार भी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. ऐसे उम्मीदवार भी मैदान में हैं जिनके खिलाफ हत्या की कोशिश, अपहरण और बलात्कार के मुकदमे भी दर्ज हैं. तमाम करोड़पति भी चुनाव मैदान में हैं तो ऐसे भी उम्मीदवार हैं जिनका यह दावा है कि उनके पास किसी तरह की कोई दौलत ही नहीं है.
यह जानकारी खुद उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में दाखिल की है जिसके आधार पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने यह रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें उम्मीदवारों की संपत्ति और अपराधिक रिकॉर्ड का ब्यौरा दर्ज है.
एमसीडी के चुनाव में कुल 2547 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 2315 उम्मीदवारों के हलफनामे की जांच एडीआर ने की है. बाकी उम्मीदवार के हलफनामे अभी उपलब्ध नहीं होने की वजह से उनकी जांच नहीं हो पाई है.
एडीआर के रिसर्च के मुताबिक:
- जो उम्मीदवार मैदान में हैं उनमें से 7 फीसदी यानी 122 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 116 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं. दक्षिणी दिल्ली से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार राजेश के खिलाफ तो हत्या का मुकदमा तक दर्ज है.
- 15 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की कोशिश, 7 के खिलाफ अपहरण और 23 उम्मीदवारों पर बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं.
- अपराधिक छवि वाले सबसे ज्यादा उमीदवार कांग्रेस पार्टी के हैं. कांग्रेस के 14 फीसद उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं. BJP के 10 फीसदी, आम आदमी पार्टी के 7 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी के 8 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
- एमसीडी चुनाव में तीन प्रतिशत यानी 74 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति उनके हलफनामे के मुताबिक 10 करोड़ से ज्यादा है.
- 106 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 5 से 10 करोड़ रुपए के बीच में है. दक्षिणी दिल्ली से निर्दलीय उम्मीदवार गीता यादव सबसे अमीर उम्मीदवार हैं जिन की संपत्ति 82 करोड़ से भी ज्यादा है.