दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर राजनीति जारी है. वहीं एमसीडी पर लापरवाही का आरोप लगाते ही दिल्ली सरकार और दूसरे राजनीतिक दल भी मैदान में कुद चुके हैं और फॉगिंग करवा रहे हैं. अब एमसीडी का कहना है कि अब ये सुनिश्चित किया जाएगा कि जो लोग फॉगिंग करवा रहे हैं वे डब्लूएचओ से मान्यता प्राप्त हैं या नही.
इस पर भी ध्यान दिया जाएगा कि जिस दवा को मच्छर मारने और भगाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, कहीं वो लोगों कि सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है. अगर ऐसा कहीं पाया गया तो उन लोगो के खिलाफ एमसीडी कार्रवाई करेगी. पूर्वी नगर निगम ने तो एफआईआर तक कराने की बात कर रही है.
फॉगिंग की जानकारी पार्षद को दें
पूर्वी नगर निगम में स्टैडिंग कमेटी के चैयरमैन जितेन्द्र चौधरी ने कमिश्नर और एमएचओ को आदेश दे दिया है कि जो भी विधायक अपने इलाके में फॉगिंग करावा रहे हैं या अपनी तरफ से करवाना चाहते हैं तो वो कम से कम अपने इलाके के पार्षदो और मलेरिया इंस्पेक्टर को जानकारी जरूर दें. ताकि इससे ये पता चल सकेगा तो जो विधायक या फिर दूसरे राजनीतिक दल के सदस्य अपन स्तर पर जिन दवाइओं के साथ फॉगिंग करवाना चाहता हैं वो दवा डब्लूएचओ से अप्रूव्ड है या नही. इसके लिए वो दिल्ली सरकार को लेटर भी लिखेंगे.
एमसीडी को शक
दरअसल, एमसीडी को शक है जिन दवाइओं का इस्तेमाल फोगिंग के लिए की जारी है वो आसानी से किसी को मिल नही सकता वो फिर सरकारी एजेसियों को ही मिल सकता है क्योंकि ये दवा ओपन मार्केट में उपलब्ध नही है लेकिन एमसीडी को पता लगा है कि कुछ लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में कुछ सैंपल उठाकर जांच की जाएगी.