
दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 32 सीनियर रेजिडेंट, 16 जूनियर रेजिडेंट और 30 डीएनबी डॉक्टरों की हड़ताल के दूसरे दिन सभी ने एक स्वर में 4 महीने की बकाया सैलरी देने की मांग की है. पैरामेडिकल स्टाफ ने भी डॉक्टरों के समर्थन में काम रोक दिया है.
कस्तूरबा गांधी मैटरनिटी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेजीडेंट सुनील कुमार ने कहा, 'पिछले चार सालों से ट्रेंड बन गया है कि जब तक स्ट्राइक नहीं होती तब तक सैलरी नहीं मिलती. हर तीन महीने बाद तनख्वाह के लिए स्ट्राइक करनी ही पड़ती है.' उन्होंने कहा, 'बिना सैलरी दो महीना सहन हो जाता है, लेकिन वित्तीय वर्ष में बिना पैसे के टैक्स नहीं और फिर जुर्माना कैसे देंगे? राजधानी में काम कर रहे हैं फिर भी सैलरी के लिए स्ट्राइक करनी पड़ती है. ये हमारी नियति में लिखा है जैसे.'
हालांकि हड़ताल के दूसरे दिन मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. डॉक्टर सुनील ने बताया कि जो भी मरीज ओपीडी में आए उन्हें हिंदूराव अस्पताल या फिर गिरधारी लाल अस्पताल भेजा गया.
हिंदू राव में डॉक्टर्स पर दोहरी मार
वहीं, निगम के बड़े अस्पताल बड़ा हिंदू राव में एक मरीज की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ कर दी. हिंदू राव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना ने बताया कि तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है.
अस्पताल के करीब 250 डॉक्टर्स की सैलरी 3 महीने से बकाया है. डॉक्टर्स का साफ तौर पर कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी अभी तक सैलरी नहीं मिली है.