scorecardresearch
 

उम्मीद है कि चीन डिसएंगेजमेंट के लिए मिलकर काम करेगा: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पैन्ग्योंग झील में सैनिकों की वापसी एक खास कदम था. इस कदम के बाद पश्चिमी सेक्टर में बाक़ी मुद्दों के समाधान के लिए आधार मिला है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत और चीन सेना के बीच एक साल से टेंशन का माहौल
  • दोनों पक्षों में शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने पर सहमति

लद्दाख सरहद पर भारत और चीन सेना के बीच तनाव को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान हालात लम्बे समय तक बने रहना किसी के हित में नहीं. मंत्रालय ने कहा कि उसे उम्मीद है कि चीन शेष क्षेत्रों में सैनिकों की पूरी तरह जल्द वापसी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा. बता दें कि शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस की. 

Advertisement

उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति को लेकर कहा कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के हटने मात्र से ही ऐसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि पैंगौंग झील में सैनिकों की वापसी एक खास कदम था. इस कदम के बाद पश्चिमी सेक्टर में बाक़ी मुद्दों के समाधान के लिए आधार मिला है. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में शेष मुद्दों का तेजी से समाधान करने पर सहमति बनी है. 

बता दें कि लद्दाख सरहद पर भारत और चीन सेना के बीच एक साल से टेंशन का माहौल था. अब दोनों सेनाएं वापस अपनी जगहों पर आ गई हैं. हाल ही में इसपर आजतक से बात करते हुए जनरल एम एम नरवणे ने कहा कि 9 राउंड की कमांडर लेवल पर बातचीत के बाद यह स्थिति संभव हो पाई है. हमने कोई जमीन नहीं खोई है. हम अप्रैल 2020 वाली पोजिशन से पीछे नहीं हटे हैं. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर बातचीत पर उन्होंने कहा कि पहले लगातार सीमा पार से फायरिंग की जाती थी. यह एक अच्छा कदम है. उन्होंने कहा कि मार्च के महीने में एक भी सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ है.

 

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement