देश की राजधानी दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की खबरें तो आप आएदिन पढ़ते-सुनते रहे होंगे लेकिन हम आपको कुछ ऐसी महिलाओं की कहानी बताएंगे जिन्होने न सिर्फ अपने ऊपर हो रहे किसी भी अपराध का जमकर मुकाबला किया बल्कि उन मनचलों और झपटमारों को ऐसा सबक सिखाया जो उनका हौसला तोड़ने के लिए काफी है.
ऐसी ही महिलाओं की हौसला अफजाई के लिए 15 अगस्त पर दिल्ली पुलिस के
मुख्यालय में पुलिस कमिश्नर ने इन सभी को सम्मानित किया. जानिए इन महिलाओं
की प्रेरणादाई कहानी पहली कहानी है मंजू की. मंजू एक कॉसमेटिक्स सेल्स गर्ल हैं. दिल्ली के कमला मार्केट में रोजाना की तरह काम करके अपने घर के लिए मंजू एक दिन जा रही थी. तभी एक बाइक सवार महिला ने मंजू का पर्स छीन लिया. मंजू को लगा कि शायद उसके किसी स्टाफ ने मजाक किया क्योंकि उसने किसी महिला झपटमार के बारे में सुना तक नहीं था.
हालांकि तुरंत ही उसे अहसास हुआ कि उसका बैग झपटमार ने ही छीना है. मंजू ने उस बाइक सवार का पीछा किया. इस कोशिश में एक बाइक सवार ने उसकी मदद की और कुछ दूरी पर जाम के चलते मंजू ने उस झपटमार महिला को उसके साथी के साथ पकड़ लिया. मंजू की बहादूरी की वजह से यह कुख्यात बंटी-बबली गैंग पकड़ा गया.
सीता चौहान की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. सीता एक एचआर कंस्लटेन्ट है. एक शाम सीता ने बस पकड़ी ही थी कि उसे अहसास हुआ कि पीछे बैठा लड़का उसके बैग में से समान निकाल रहा है. जैसे ही उसने पीछे मुड़ कर देखा वो लड़का भगाने लगा लेकिन तब तक सीता ने दुर्गा का रुप धारण कर लिया. उसने मौके पर ही उस बदमाश को धर दबोचा लेकिन उसका साथी सामान लेकर भागने में कामयाब रहा. सीता को उसका कीमती सामान तो नहीं मिल सका लेकिन उसने एक बदमाश को जेल की हवा खिला ही दी.