
दिल्ली के महरौली इलाके में पांच दिन से बुलडोजर चल रहा है. ये बुलडोजर अभी और कुछ हफ्तों तक चलना है. कथित तौर पर अवैध कब्जा कर बैठे लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है, हटाया जा रहा है.
ये पूरी कार्रवाई दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (डीडीए) कर रही है. वहीं, केजरीवाल सरकार ने इस कार्रवाई को रोकने की अपील की है. डीडीए की इस कार्रवाई का स्थानीय लोग भी विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया है, बावजूद इसके बुलडोजर चलाया जा रहा है.
डीडीए केंद्र सरकार के अंडर में आती है. डीडीए 10 फरवरी से महरौली के आर्किलॉजिकल पार्क एरिया में डिमोलिशन ड्राइव चला रही है. अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई 9 मार्च तक चलेगी.
इस वजह से सियासत भी तेज हो गई है. केजरीवाल सरकार में राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने आज फिर डीएम (साउथ) को ये कार्रवाई रोकने के आदेश दिए हैं. वहीं, सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने दावा किया कि मीटिंग में एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली को 'साफ' करने की बात कही है. जबकि, महरौली से आप विधायक नरेश यादव ने इसे 'नाइंसाफी' बताया है.
वहीं, जिनके घरों को तोड़ा जा रहा है और हटाया जा रहा है, उनका दावा है कि वो दशकों से यहां रह रहे थे, सालों से प्रॉपर्टी टैक्स भर रहे थे और उनके पास बिजली कनेक्शन था, उसके बावजूद उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है.
लेकिन महरौली में बुलडोजर क्यों?
अतिक्रमण हटाने की ये पूरी कार्रवाई इसलिए की जा रही है, क्योंकि सितंबर में G-20 समिट होनी है. G-20 की मीटिंग दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होगी, जिसमें 20 देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल होंगे.
ऐसे में दिल्ली साफ-सुथरी और अच्छी दिखे, इसलिए अवैध अतिक्रमण को हटाया जा रहा है. यही वजह है कि महरौली आर्कियोलॉजिकल एरिया से भी कथित अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब तक 4 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा इलाके को खाली कराया जा चुका है.
अधिकारियों का कहना है कि महरौली आर्कियोलॉजिकल एरिया के आसपास लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है, इसलिए उन्हें हटाया जा रहा है. डीडीए के अधिकारियों के मुताबिक, इस एरिया में 55 स्मारक आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संरक्षण में हैं.
लोगों का क्या है कहना?
महरौली आर्कियोलॉजिकल इलाके के आसपास जिन लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, उनका दावा है कि वो यहां दशकों से रहते आ रहे हैं.
यहां रहने वालीं हरप्रीत कौर ने दावा किया कि जिस खसरा नंबर को बताकर अतिक्रमण हटाया जा रहा है, वो उनका है ही नहीं. उनका दावा है कि वो पिछले 40 साल से यहां रह रहीं हैं. उन्होंने कहा कि पहले उन सरकारी अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने मकान की रजिस्ट्री की.
इसी इलाके में इरफान की दुकान भी है. उनकी ये दुकान 30 साल से है जिस पर बुलडोजर चल चुका है. इरफान का दावा है कि उन्हें दुकान में रखा लाखों का सामान निकालने की मोहलत तक नहीं दी गई और जितना सामान वो निकाल पाए, वो सड़क पर पड़ा है.
#Delhi: महरौली निवासियों को कोर्ट स्टे ने फौरी राहत दे दी। लेकिन बेचैनी कायम है। अगर ये डॉक्यूमेंट्स फर्जी हैं तो लीगल क्या? बोले पीड़ित. देखिए @Ramkinkarsingh की #ReporterDiary pic.twitter.com/g4OLzwntET
— AajTak (@aajtak) February 14, 2023
वहीं, जविंदर सिंह का दावा है कि उनका परिवार भी 40 साल से यहां रह रहा है और उन्हें उनका घर टूटने का नोटिस मिल गया है. वो रोते हुए पूछ रहे हैं कि उनका कसूर क्या था.
महरौली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव ने दावा किया कि लोग यहां 30-40 साल से रह रहे थे, प्रॉपर्टी टैक्स भर रहे थे, उनके पास बिजली कनेक्शन भी है, लेकिन आज उनके ये सारे दस्तावेज बेकार हो गए. उन्होंने एलजी सक्सेना से ये डिमोलिशन ड्राइव रुकवाने की अपील की है.
यहीं रहने वालीं श्वेता ने कहा कि मकान की रजिस्ट्री होने के बाद भी सरकार इसे अवैध बता रही है तो फिर हमारे पास कोई और रास्ता नहीं है.
डीडीए का क्या है कहना?
डीडीए के एक सीनियर अफसर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पहले भी कई मामलों में पार्क के इलाके से अवैध कब्जों को हटाने की बात अदालत कह चुकी है.
डीडीए का कहना है कि पिछले साल 12 दिसंबर को नोटिस जारी किया गया था और यहां अवैध रूप से अतिक्रमण कर बैठे लोगों को 10 दिन के अंदर जमीन छोड़ने को कहा गया था.
इस नोटिस में डीडीए ने कहा था कि जिस जमीन से अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है, वो महरौली आर्कियोलॉजिकल पार्क एरिया का हिस्सा है. इसमें ये भी कहा गया था कि अवैध रूप से किए गए इस अतिक्रमण की वजह से पार्क एरिया के डेवलपमेंट में रुकावट आ रही है.
(इनपुटः रामकिंकर सिंह, वरुण सिन्हा)