दिल्ली मेट्रो ने अपनी नई पिंक लाइन के लिए सिग्नलिंग ट्रायल शुरू कर दिया है. यह दिल्ली के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि पिंक लाइन पर यह ट्रायल ड्राइवरलेस ट्रेन यानी Unattended Train Operation (UTO) के लिए हो रहा है. यह पहली बार है, जब मेट्रो एक साथ 20 किलोमीटर के हिस्से में सिग्नलिंग का ट्रायल कर रही है. पिंक लाइन 59 किलोमीटर लंबी है और इस लाइन पर मेट्रो मजलिस पार्क से पूर्वी दिल्ली के शिव विहार तक दौड़ेगी.
मजलिस पार्क से साउथ कैंपस यानी धौलाकुआं तक मेट्रो का सिग्लनिंग ट्रायल शुरू हो गया है. तीसरे फेज की इस लाइन पर ड्रायवरलेस टेक्नोलॉजी वाला ट्रेन सिस्टम है और ट्रायल के दौरान बिना ड्राइवर के ही ट्रेन चलाई जाएंगी. हालांकि दिल्ली मेट्रो कॉमर्शियल ऑपरेशन के दौरान फिलहाल ट्रेन ऑपरेटर के साथ ट्रेन चलाएगी. ड्राइवरलेस ट्रेन के साथ ही पिंक लाइन पर कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम भी काम करेगा, जिससे ज्यादा फ्रिक्वेंसी के साथ ट्रेन दौड़ाई जा सकेंगी और दो ट्रेनों के बीच 90 से 100 सेकंड तक का अंतराल रखा जा सकता है.
इससे मेट्रो की मुसाफिरों को लाने और ले जाने की क्षमता भी बढ़ाई जा सकेगी. सिग्नलिंग ट्रायल का शुरू होना इस लाइन के कॉमर्शियल ऑपरेशन की तरफ जाने की दिशा में एक अहम पड़ाव होगा. क्योंकि इस लाइन के शुरू होने से मौजूदा मेट्रो लाइन से कई और कनेक्टिविटी हो जाएंगी. मसलन धौलाकुआं पर एयरपोर्ट लाइन से पिंक लाइन जुड़ेगी. साथ ही राजौरी गार्डन पर पिंक लाइन, ब्लू लाइन यानी नोएडा द्वारका लाइन से जुड़ेगी. नेताजी सुभाष प्लेस पर पिंक लाइन दिलशाद गार्डन-रिठाला लाइन से जुड़ेगी और आजादपुर पर यह गुरुग्राम लाइन को कनेक्ट करेगी.