दिल्लीवालों की नब्ज बनी दिल्ली मेट्रो में शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया. दो मेट्रो ट्रेन आपस में टकरा गईं. यह तो संयोग अच्छा था कि यह ट्रेन ट्रायल वाली थी और नई लाइन पर चल रही थी. वरना परिणाम भयावह हो सकते थे. बड़ी बात यह है कि दिल्ली मेट्रो प्रशासन इस बात की लीपापोती करने में जुटा हुआ है और किसी भी तरह की घटना से इंकार कर रहा है.
इस घटना ने मेट्रो परिचालन की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्योंकि इससे पहले जहांगीरपुरी-हुडा सिटी सेंटर रूट पर मेट्रो ट्रेन खुले दरवाजे के साथ चल पड़ी थी. तीसरे चरण की मेट्रो जनक पुरी-बोटेनिकल गार्डन लाइन पर मेट्रो का ट्रायल रन चल रहा था. इसी दौरान मेट्रो कलिंदी कुंज डिपो में जा रही थी. उसी दौरान दूसरी लाइन पर भी एक और मेट्रो डिपो की तरफ ही आ रही थी तभी दोनों ट्रेन आपस में टकरा गईं.
दिल्ली मेट्रो के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि एक मेट्रो को फॉलिंग मार्क(रुकने वाली जगह) पर रुकने के लिए बोला गया था और उसको सिग्नल भी दिए गए थे. लेकिन वह फॉलिंग मार्क को पार कर गई. इसी दौरान दूसरी मेट्रो भी आ रही थी और एक-दूसरे को रगड़ती हुई चल पड़ी. बताया जाता है कि इस जानलेवा लापरवाही ने पूरे मेट्रो प्रशासन को हिला दिया है. क्योंकि यात्रियों के साथ चल रही मेट्रो में ऐसी घटना होती तो इससे होने वाले नुकसान की कल्पना भी आसान नहीं है.