नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार, डीडीए और डीटीसी को मिलेनियम डिपो को लेकर अब तक दिए गए निर्देशों और आदेशों का पालन न करने पर फटकार लगाई है. डिपो को शिफ्ट करने को लेकर दायर एक याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए एनजीटी ने मामले से जुड़ी सभी एजेंसियों को 10 दिन के भीतर इस बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट दायर करने को कहा है.
रिपोर्ट मे एजेंसियो को एनजीटी को ये बताना होगा कि क्या इस मामले में इस्तेमाल जमीन को परिवर्तित किया जाएगा या फिर डिपो को शिफ्ट किया जाएगा. एनजीटी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे आदेश करने के बाद भी अब तक कुछ न हो पाने से साफ पता चलता है कि सरकार और बाकी विभाग सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के आदेश को लेकर कितने संजीदा हैं.
एनजीटी ने मामले से जुड़ी सभी एजेंसियों को 10 दिन के भीतर इस बारे में रिपोर्ट दायर करने को कहा है. एनजीटी ने कहा कि अगर अब भी रिपोर्ट पेश नहीं की तो इसका खामियाजा विभागों को भुगतना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में ये मामला एनजीटी में भेजा था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि डिपो को तोडना कोई उपाय नहीं है. सरकार मास्टर प्लान 2021 में एक वर्ष के भीतर संशोधन कर जमीन के लैंडयूज में बदलाव करे. 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अस्थाई तौर पर 50 एकड़ में डिपो को बनाया गया था. डिपो में 1 हजार बसों के खड़े होने की जगह है. साथ ही सीएनजी स्टेशन और वर्कशॉप भी मौजूद है. केंद्र सरकार के पास डिपो को शिफ्ट करने के लिए इतनी बड़ी जगह दिल्ली में कहीं और नहीं है.