केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कनन्नथानम एक पखवाड़े तक चलने वाले 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान के तहत इंडिया गेट मैदान पर सफाई का जायजा लेने पहुंचे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवनियुक्त पर्यटन मंत्री को यहां कोई कूड़ा नहीं दिखा. ऐसे में अलफोंस ने मंत्रालय के अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को हैरान करते हुए मैदान में बिखरे पानी की खाली बोतलों, पान मसाला पुड़िया, आईसक्रीम कपों और सूखी पत्तियों को खुद अपने हाथों से इकट्ठा करना शुरू कर दिया.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इंडिया गेट जैसी जगह पर हर दिन सफाई होती है, हालांकि इसमें सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'हमलोग यहां इंडिया गेट की सफाई के लिए आए हैं. स्वच्छता कार्यक्रम देश भर में चल रहा है. संदेश यह है कि हमें भारत को स्वच्छ रखना है. ना सिर्फ सरकारी कर्मचारी, बल्कि हर व्यक्ति इसमें हिस्सा लेगा. इसे हर दिन का अभियान बनाना होगा ना कि कैमरे के लिए साल में सिर्फ एक बार का अभियान.'
इस दौरान अल्फोंस ने जब इंडिया गेट पर मौजूद कई लोगों से हाथ मिलाया, तो वे उन्हें पहचान नहीं पाए. उन्होंने कई लोगों की पीठ थपथपाई और लोगों से इस जगह को साफ रखने के लिए कहा. पर्यटन मंत्री ने सड़क के किनारे गोलगप्पा-आईसक्रीम बेचने वाले लोगों से भी बातचीत की. उन्होंने पूछा, 'आप हर दिन कितना कमा लेते हैं? क्या आप खरीदारों से यह कहते हैं कि बेकार प्लेट और टिशू को आपके पास रखी डस्टबीन में फेंके? भारत को स्वच्छ बनाने में हमारी मदद करें.'
इंडिया गेट उन 15 पर्यटन स्थलों में से एक है, जिनका चयन पर्यटन मंत्रालय ने किया है. इन स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा और 14 दिन की इस अवधि के दौरान नामी गिरामी हस्तियों को शामिल करते हुए इसे प्रचारित किया जाएगा.
मंत्रालय द्वारा जिन स्थानों पर स्वच्छता और जागरुकता संबंधी गतिविधियां चलायी जाएंगी, उनमें उत्तराखंड में ऋषिकेश घाट, मुंबई में जुहू बीच, कोलकाता दक्षिणेश्वर मंदिर एवं बेलूर मठ, केरल में कोवलम तट तथा गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर को शामिल किया गया है. (भाषा इनपुट के साथ)