दिल्ली महिला आयोग ने एक हफ्ते के अंदर घरेलू काम करने वाली तीसरी बच्ची को छुड़ाने में कामयाबी हासिल की है. इस बच्ची से जबरदस्ती घरेलू काम करवाया जा रहा था. दिल्ली महिला आयोग को सूचना मिली कि किंग्सवे कैम्प स्थित एक घर में 14 साल की बच्ची से जबरदस्ती काम करवाया जा रहा था. जानकारी मिलने के तुरंत बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम पुलिस के साथ वहां पहुंची और बच्ची को छुड़ाया.
बच्ची की कॉउंसलिंग की गई तो उसने बताया कि जब वह बहुत छोटी थी तब उसके पिता की मौत हो गयी थी. पिता की मौत के बाद उसकी मां उसके सौतेले पिता के साथ रहती थी. उसने एक रिश्ते की बहन से उसे दिल्ली में नौकरी लगवाने के लिए कहा था. जिसके बाद इस बच्ची को किंग्सवे कैम्प के एक घर में फरवरी 2017 में 5000 रुपये प्रतिमाह तनख्वाह पर घरेलू काम करने के लिए रखवाया. लेकिन, बच्ची को उसकी तनख्वाह भी नहीं दी जा रही थी. उसे अभी तक सिर्फ 12000 रुपये ही दिए गए थे और वह भी बच्ची को नहीं बल्कि उसकी बहन को दिए गए थे.
जिस घर में लड़की काम करती थी उसके मालिक का ऑटो पार्ट्स का व्यापार है. उस घर से छुड़वाने के बाद बच्ची को रात में रुकने के लिए शेल्टर होम भेज दिया गया और अगले दिन सुबह उसको बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया. बाल कल्याण समिति ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और उस बच्ची की उम्र जांचने के लिए टेस्ट कराने का आदेश दिया. इस मामले में पुलिस ने जे जे एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जयहिंद ने कहा, 'इन छोटी बच्चियों से इस तरह काम करवाना अमानवीय कृत्य है. मानवता दाव पर लगी है. हमें इन बच्चों को स्वस्थ बचपन, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं देनी चाहिए. सभी लोगों को आगे आना चाहिए और इनकी सहायता करनी चाहिए.'