राजधानी दिल्ली में 22वां पुस्तक मेला शुरू हो चुका है. 9 दिवसीय इस पुस्तक मेले में करीब 250 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं. बड़ी तादाद में पुस्तक प्रेमी इस मेले में पहुंच रहे हैं. टेबलेट, मोबाइल, इंटरनेट का युग होने के बावजूद मेले में किताबों से पाठकों का जुड़ाव देखा जा रहा है.
22वें संस्करण का लक्ष्य युवाओं में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए ‘सर्व शिक्षा अभियान’ के तहत केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न पहलों को रेखांकित करना है. आयोजक के अनुसार, पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए पुस्तकें उपलब्ध हैं. इसके अलावा चर्चा-परिचर्चा, कार्यशाला और समारोहों का भी आयोजन किया जा रहा है.
'खत्म नहीं होगा किताबों का क्रेज'
प्रभात प्रकाशन के प्रभात कुमार ने कहा कि 'पुस्तक हमारी परंपरा की नींव है. इनकी लोकप्रियता कम नहीं होने वाली. जब टीवी आया तो कहा गया कि अखबार खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ठीक इसी तरह मोबाइल, टेबलेट कुछ भी आए किताब का महत्व खत्म नहीं होने वाला'.
पुस्तक मेले में क्या है खास?
पिछले दो सालों में शुरू किए गए राष्ट्रीय अभियानों को थीम पैवेलियन में जगह दी गई है. जो बाद में सेल्फी स्टेशन के रूप में परिवर्तित हो गई है. मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और उमंग जैसी योजनाओं को पैवेलियन में शामिल किया गया है, जहां लोग संबंधित अभियानों के कट-आउट के साथ सेल्फी ले रहे हैं. इसके अलावा मेले में बच्चों के लिए आयोजकों ने खासतौर पर इंतज़ाम किए हैं. उपकार प्रकाशन के मार्केटिंग हेड अतुल कपूर ने बताया कि इस बार युवाओं को लुभाने के लिए खासतौर पर नोटबुक डिजाइन की गई है, जिसमें मोबाइल से नोटबुक कवर पेज की स्कैन फोटो लेकर उपकार प्रकाशन के वेब लिंक से जुड़कर ज्यादा जानकारी हासिल की जा सकती है.