साउथ दिल्ली में भीकाजी कामा प्लेस के नजदीक मोहम्मदपुर गांव के नाम को लेकर राजनीति जोरों-शोरों से शुरू हो गई है. स्थानीय निगम पार्षद भगत सिंह टोकस मोहम्मदपुर गांव के नाम को बदलकर माधवपुरम रखने के लिए कई दिनों से प्रयास कर रहे थे. एमसीडी द्वारा इस नाम को मान्यता भी दे दी गई. लेकिन फाइल दिल्ली सरकार के खेमे में जाकर अटक गई है. ऐसे में नाम को लेकर राजनीति को एक नया रूप देने के लिए दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष खुद मोहम्मदपुर गांव पहुंचे और माधवपुरम नाम से नया बोर्ड लगा दिया.
कुल मिलाकर मोहम्मदपुर और माधवपुरम को लेकर अलग असमंजस जैसी स्थिति बन गई है. बता दें, मोहम्मदपुर गांव दक्षिणी दिल्ली की बेहद पुराने गांव में से एक है. जब दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता मोहम्मदपुर गांव पहुंचे तो पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया गया. इसके बाद उन्होंने गांव में नया माधवपुरम नाम का नया बोर्ड लगा दिया.
'40 गांव ऐसे जिनका नाम मुगलों ने बदला'
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोग यह मान चुके हैं इस गांव का नाम अब माधवपुरम हो गया है. जबकि आधिकारिक और कागजी तौर पर अभी माधवपुरम नाम होना बाकी है. आदेश गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि मुगलों के वक्त जिस तरह हिंदू नाम को बदलकर मुस्लिम नाम दिए गए थे उन्हें दोबारा सही करने को लेकर दिल्ली सरकार कोई भी प्रयास नहीं कर रही है.
आदेश गुप्ता ने बताया मोहम्मदपुर के बाद अभी दिल्ली के 40 गांव ऐसे हैं जिनका मुगलों के जमाने में बदला गया था और अब उन्हें सुधार कर नया नाम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, युसूफ सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सैदुल अजाब, फतेहपुर बेरी, हौज खास और शेख सराय जैसे कुछ नाम शामिल हैं.
(इनपुट: अमरदीप कुमार)