दिल्ली हाई कोर्ट में एमटीएनएल (महानगर टेलीफोन निगम) की एक विधवा महिला कर्मचारी ने अपने पुरुष सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उसने याचिका दायर की है कि उसके पुरुष सहयोगी उसकी मौजूदगी में ही पोर्न साइट देखते हैं.
कोर्ट ने एमटीएनएल के वकील से कहा कि वह आवश्यक निर्देश प्राप्त करके सूचित करें कि क्या ऐसे पुरुष कर्मचारियों का तबादला किया जा सकता है या नहीं.
न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुये महानगर टेलीफोन निगम को सात मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. न्यायमूर्ति शकधर ने कहा, यह बहुत विचित्र है कि इन कर्मचारियों का तबादला करने की बजाय आपने शिकायत करने वाली महिला का ही स्थानांतरण कर दिया.
इस महिला को पति के निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर उत्तरी दिल्ली स्थित महानगर टेलीफोन निगम के कार्यालय में सहायक के पद पर नौकरी मिली है. उसका आरोप है कि उसके चार पुरुष सहयोगी लगातार उसका उत्पीड़न कर रहे हैं.
वकील सुमन कपूर के जरिये दायर याचिका में इस महिला ने कहा है, प्रतिवादी (पुरुष सहयोगी) कार्यालय में काम के घंटों के दौरान प्रतिवादी संख्या तीन के कक्ष में लगे सरकारी कंप्यूटर पर अश्लील वेबसाइट खोलने के बाद वेबसाइट देखने के दौरान ही याचिकाकर्ता (महिला) को कमरे में बुलाते हैं. याचिका के अनुसार महिला ने जब इस पर आपत्ति की तो उसके सहयोगियों ने उसे धमकी और गालियां दीं.
निगम ने शुरू में कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन बाद में आरोपों की जांच के लिये यौन उत्पीड़न समिति का गठन कर दिया. याचिका के अनुसार निगम ने पुरुष कर्मचारियों का तबादला करने की बजाय उसका स्थानांतरण करके उसे परेशानी में डाल दिया है.