दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में मौजूद चार मंजिला इमारत सिग्नेचर अपार्टमेंट के पीजी में बुधवार रात भीषण आग गई थी. घटना के वक्त यहां पर 35 लड़कियां मौजूद थीं. घटना शाम साढ़े सात हुई थी, जिसके चलते पूरी बिल्डिंग आग की जद में आ गई थी. आग लगते ही कुछ लड़कियां इमारत के बाहर आ गई थीं, लेकिन 7 से ज्यादा लड़कियां पीजी के एक फ्लोर में फंस गई थीं. इन लड़कियों के साथ ढाई साल की बच्ची भी मौजूद थी.
भीषण आगे के कारण इमारत में धुआं भरने लगा था, जिससे लड़कियां बुरी तरह से घबरा गई थीं. धुएं की वजह उनका सांस लेना मुश्किल हो रहा था. ऐसे में दिल्ली फायर सर्विस की टीम ने बाथरूम की खिड़की तोड़ा था, जिससे लड़िकयों का सांस लेने के लिए हवा मिले, उन पर लगातार पानी डाला गया था, जिससे वह आग की चपेट में आने से बची रहीं, इधर फायर टीम आग पर काबू पाने में लगी हुई थी.
पड़ोसी के घर दीवार तोड़ी और पीजी में हुए दाखिल
इसके बाद दिल्ली फायर सर्विस की टीम ने पीजी से जुड़ी दूसरी इमारत के अंदर घुसकर दीवार तोड़ी और पीजी में प्रवेश कर आग पर काबू पाया था. इसके बाद ढाई साल की बच्ची सहित सभी लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था.
इमारत से सुरक्षित बचाई गई ढाई साल की बच्ची का नाम अंबी है. उसे दिल्ली फायर सर्विस के जवान अजमेर में इमारत से बाहन निकाला था. धुएं के कारण अंबी बेहोश हो गई थी. अजमेर खुद अपनी गोद में लिए हुए अंबी को इलाज के लिए अस्पताल लेकर निकले.
जिससे मांगीं लिफ्ट वह था डॉक्टर
उन्होंने बाइक सवार से लिफ्ट मांगी. किस्मत से बाइक सवार खुद एक डॉक्टर था. उसने तत्काल ही अंबी को सीपीआर देने की बात कही. अंबी को सीपीआर दिया गया और पास ही मौजूद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहां इलाज के बाद अंबी की शरीर में हरकत आना शुरू हुई और वह होश में आकर जोरों से रोने लगी. उसकी हालत में सुधार देख अजमेर सहित डॉक्टरों की जान में जान आई.
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दिल्ली फायर सर्विस के होनहार जवान अजमेर में आजतक से बात करते हुए कहा कि बच्ची के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी, वह पसीने में तरबतर थी. मैं काफी डर गया था. मगर, जब अंबी को होश आया तो मैं भावुक हो गया था. मुझे ऐसा लगा था कि अंबी का अभी-अभी फिर से जन्म हुआ है.
पीजी में रहने वाली बहन के पास अंबी को छोड़कर गई थी मां
वहीं, सामने आया है कि घटना वाली शाम को अंबी की मां उसे पीजी में रहने वाली अपनी बहन के छोड़कर गई थी, क्योंकि महिला का बाजार जाना था. जब उसे पता चला कि पीजी में आग लग गई है तो वह दौड़ी-दौड़ी वहां पहुंची थी और अपनी बहन-बेटी को ढूंढने में लग गई थी. महिला को जब यह पता चला कि उसकी बहन और बेटी सकुशल हैं तो उसे राहत मिली थी. महिला ने दिल्ली फायर सर्विस के जवान अजमेर सिंह को भगवान का रूप बताया है.
अजमेर सिंह भगवान का रूप: अंबी की मां
ढाई साल की अंबी की मां अंबे को कुछ समय के लिए पीजी में अपनी बहन के पास छोड़कर बाजार गई थी इतने में पीछे में आग लग गई जब अम्मी की मां को उसके बारे में पता चला तो वह दौड़ी भागी की तरफ गई लेकिन उसे समय बच्चे वहां नहीं थी जब उन्हें पता चला की बच्ची को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया है तो उन्होंने दिल्ली फायर सर्विस का धन्यवाद कहा और अजमेर सिंह को भगवान का रूप बताया है.
पड़ोसियों ने दिखाई हिम्मत, लड़कियों को निकाला सुरक्षित बाहर
बताया गया कि, इमारत में आग भड़कने के बाद आस-पास के लोगों ने तत्काल ही घटना की सूचना पुलिस और फायर टीम को दी. लोग खुद ही इमारत में लगी आग को बुझाने में भी जुट गए. कई लोग हिम्मत दिखाते हुए आग की परवाह न करते हुए बिल्डिंग में दाखिल हुए और लड़कियों को बाहर निकलने में मदद की. इस पूरे घटना क्रम में दिल्ली पुलिस और फायर टीम के जवानों को चोट आई है. मगर, उनकी दिलेरी के कारण ही 35 लड़कियां सकुशल बचाई गई हैं.