दिल्ली में सर्दी शुरू होते ही प्रदूषण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है. इससे निपटने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने हर जोन के लिए 20 लाख रुपये आवंटित किए हैं. इस फंड का इस्तेमाल वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मशीनरी और मैनपावर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. एमसीडी के सभी 12 जोनों में धूल मिट्टी पर लगाम लगाकर अगले तीन दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार करने पर काम किया जाएगा.
दरअसल, राजधानी की वायु गुणवत्ता लगातार पांच दिनों से 'बहुत खराब' बनी हुई है. बुधवार को प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार सुबह 10 बजे 372 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है. 24 घंटे का औसत AQI मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था.
अब एमसीडी ने सभी जोन में फंड जारी कर कर्मचारियों को आदेश दिए हैं कि जिन चीजों से वायु प्रदूषण फैल रहा है, उन पर लगाम लगाई जाए. इसके लिए धूल मिट्टी को वातावरण से कम करने के लिए एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही वॉटर स्प्रिंकलर के जरिए भी पेड़ों आदि से धूल को हटाया जाए. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन साइट्स से निकलने वाले मलबे और कचरे को लेकर भी सख्त कदम उठाने को कहा गया है. वहीं रेल पटरियों के आसपास से भी कचरे को उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
आनंद विहार में 400 से पार AQI
आज यानी 01 नवंबर की बात करें सुबह साढ़े सात बजे तक दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया तो वहीं, ज्यादातर इलाकों में AQI 300 के पार है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, आज सुबह 8 बजे के करीब दिल्ली के आनंद विहार इलाके में AQI 423 दर्ज किया गया जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. बवाना में भी AQI 400 के पार दर्ज किया गया.
बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.