आज 500-1000 के पुराने नोटों के जरिए संपत्ति कर जमा करने की आखिरी तारीख थी. इसलिए एमसीडी हाउस टैक्स ऑफिस में बड़ी तादाद में लोग पुराने नोटों के साथ संपत्ति कर जमा कराने पहुंचे. पुराने नोटों के कारण लोगों ने अपना पिछला कई सालों का बकाया टैक्स भी राजी खुशी जमा कराया.
ओल्ड राजेंद्र नगर में रहने वाले गुरमीत सिंह तीन सालों का बकाया संपत्ति कर जमा कराने आज एमसीडी के करोल बाग जोन ऑफिस पहुंचे. पहले तो गुरमीत लगभग आधे घंटे जोन दफ्तर के बाहर फॉर्म भरवाने के लिए रुके और फिर उसके बाद लगभग एक घंटा लाइन में लगने के बाद हाउस टैक्स भर पाए. पुराने नोटों से संपत्ति कर जमा करने की आखिरी तारीख थी ऐसे में तीन सालों का हाउस टैक्स जमा करने की खुशी गुरमीत के चेहरे पर साफ दिख रही थी.
हजार हुआ बेकार, बैंकों में अब नहीं बदले जाएंगे नोट, 15 तक चलेगा पुराना 500, ये हैं 12 बड़े ऐलान
वहीं पिछले 6 साल से संपत्ति कर जमा नहीं कराने वाले करीम ने पुराने नोटों को खपाने के लिए एक या दो नहीं पूरे छह सालों का बकाया संपत्ति कर जमा कराया. करीम की संपत्ति व्यवसायिक थी जिसका 6 साल का संपत्तिकर 80 हजार रूपये बना.
गुरमीत और करीम जैसे हजारों लोग हैं जिन्होंने पुराने नोटों को खपाने के लिए एमसीडी दफ्तरों का रुख किया. एमसीडी के मुताबिक नोटबंदी के बाद से 23 तारीख की रात 12 बजे तक नॉर्थ एमसीडी में अलग-अलग करों के जरिए 33 करोड़ रुपये जमा हो गए तो वहीं साउथ एमसीडी ने करों के जरिए 34 करोड़ रुपये कमा लिए. सबसे बुरे आर्थिक हालातों से गुजर रही ईस्ट एमसीडी को नोटबंदी के बाद लगभग 13 करोड़ रुपयें करों के जरिए मिले. नॉर्थ एमसीडी ने तो एक ही दिन में टैक्स कलेक्शन का रिकॉर्ड ही बना दिया जब बुधवार को एक ही दिन में 11 करोड़ रुपये बतौर टैक्स जमा हुए.
नोटबंदी को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बरकरार, हंगामे के चलते नहीं चल पाए दोनों सदन
कुल मिलाकर करोड़ों रुपये के वारे न्यारे तो एमसीडी ने कर लिए लेकिन अब देखना यह है कि इसके बाद क्या एमसीडी वक्त पर पेंशन और सैलरी जैसे मसलों का समाधान निकाल पाएगी.